रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 9-10 सितंबर को नयी दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से शिरकत नहीं करेंगे। क्रेमलिन ने शुक्रवार को यह घोषणा करते हुए कहा कि पुतिन का व्यस्त कार्यक्रम है और मुख्य उद्देश्य अब भी यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान है। विश्व के जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन नयी दिल्ली में नौ से 10 सितंबर तक होगा। शिखर सम्मेलन के भारत में विश्व के नेताओं की सबसे बड़ी बैठकों में से एक होने की उम्मीद है। भारत ने एक दिसंबर 2022 को इंडोनेशिया से जी20 की अध्यक्षता हासिल की थी।
पुतिन की व्यक्तिगत भागीदारी के संबंध में क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने मॉस्को में संवाददाताओं से कहा, नहीं, राष्ट्रपति की ऐसी कोई योजना नहीं है। पेसकोव ने कहा कि शिखर सम्मेलन में पुतिन की भागीदारी का प्रारूप बाद में निर्धारित किया जाएगा। रूस ने 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन के खिलाफ एक विशेष सैन्य अभियानै शुरू किया था। भारत संबंधित यूक्रेन विवाद को बातचीत और कूटनीति के जरिए सुलझाने पर जोर देता रहा है। आधिकारिक तास समाचार एजेंसी ने क्रेमलिन के प्रवक्ता के हवाले से कहा, उनका (पुतिन) वास्तव में व्यस्त कार्यक्रम है। और, जहिर है, मुख्य ध्यान अभी भी विशेष सैन्य अभियान है। इसलिए सीधी यात्रा अभी एजेंडे में नहीं है।
पेसकोव ने कहा कि जोहानिसबर्ग में हाल ही में समाप्त हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को पुतिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया था और उनका प्रतिनिधित्व रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने किया था। राष्ट्रपति पुतिन ने कोविड-19 के बाद हुए पहले प्रत्यक्ष ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग न लेने का फैसला किया क्योंकि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) ने यूक्रेनी बच्चों को रूस में निर्वासित करने की एक कथित योजना को लेकर मार्च में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। दक्षिण अफ्रीका आईसीसी से जुड़ा हस्ताक्षरकर्ता है और आशंका थी कि वह पुतिन के आने पर उनकी गिरफ्तारी कराने में मदद करता।