नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना वायरस महामारी में मुसीबत का सामना कर रहे गरीबों, किसानों एवं मजदूरों तक न्याय योजना की तर्ज पर मदद पहुंचाने की मांग करते हुए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार से आग्रह किया कि वह आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करें और सीधे लोगों के खातों में पैसे डालें।
उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन को समझदारी एवं सावधानी के साथ खोलने की जरूरत है और बुजुर्गों एवं गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए तथा अर्थव्यवस्था में आने वाले तूफान का मुकाबला करने की तैयारी रखनी चाहिए। गांधी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा कि जो पैकेज होना चाहिए था वो कर्ज का पैकेज नहीं होना चाहिए था। इसको लेकर मैं निराश हूं।
आज किसानों, मजदूरों और गरीबों के खाते में सीधे पैसे डालने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आप (सरकार) कर्ज दीजिए, लेकिन भारत माता को अपने बच्चों के साथ साहूकार का काम नहीं करना चाहिए, सीधे उनकी जेब में पैसे देना चाहिए। इस वक्त गरीबों, किसानों और मजदूरों को कर्ज की जरूरत नहीं, पैसे की जरूरत है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं विनती करता हूं कि नरेंद्र मोदी जी को पैकेज पर पुनर्विचार करना चाहिए। किसानों और मजदूरों को सीधे पैसे देने के बारे में सोचिए। उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि पैसे नहीं देने का कारण रेटिंग है। कहा जा रहा है कि वित्तीय घाटा बढ़ जाएगा तो बाहर की एजेंसियां हमारे देश की रेटिंग कम कर देंगी। हमारी रेटिंग मजदूर, किसान, छोटे कारोबारी बनाते हैं।
इसलिए रेटिंग के बारे में मत सोचिए, उन्हें पैसा दीजिए। गांधी के मुताबिक लॉकडाउन खोलते समय समझदारी और सावधानी की जरूरत है। हमें इसे ध्यान से हटाना है। हमारे बुजुर्गों, ह्म्दय, फेफड़े और किडनी के रोग से ग्रसित लोगों की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, कोरोना संकट में मांग और आपूर्ति दोनों बंद हैं। सरकार को दोनों को गति देनी है।