ढाका। बांग्लादेश के साथ भारत के रणनीतिक संबंधों को 360डिग्री साझेदारी बताते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महीने होने वाली बांग्लादेश यात्रा बेशक बहुत यादगार होगी। जयशंकर प्रधानमंत्री मोदी की बांग्लादेश की आगामी यात्रा से पहले गुरुवार को एक दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे। प्रधानमंत्री इस महीने बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ और बांग्लादेश-भारत के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 50 साल पूरे होने के अवसर पर यहां आने वाले हैं।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए.के.अब्दुल मोमेन के साथ विस्तृत चर्चा के बाद जयशंकर ने कहा कि भारत की पड़ोसी पहले नीति में बांग्लादेश का प्रमुख स्थान है और भारत की पूर्व की ओर देखो नीति में भी वह प्रासंगिक है। मोमेन के साथ संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, हम प्रधानमंत्री (मोदी) की तय यात्रा की तैयारियों पर काम कर रहे हैं। यह बेशक बेहद यागदार यात्रा होगी। अगर मैं सही हूं तो कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद से यह उनकी (मोदी) पहली विदेश यात्रा और प्रधानमंत्री के रूप में दूसरी बांग्लादेश यात्रा होगी।
उन्होंने कहा, आपमें से कई लोगों को उनकी (मोदी) पिछली (बांग्लादेश) यात्रा याद होगी, जो हमारे संबंधों के लिहाज से बहुत अच्छी रही। प्रधानमंत्री मोदी के 26 मार्च को दो दिवसीय यात्रा पर ढाका आने और विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की संभावना है। जयशंकर ने माना कि बांग्लादेश के लोगों के लिए बहुत खास साल है। दोनों देश बांग्लादेश की आजादी के 50 साल पूरे होने और बांग्लादेश-भारत के द्विपक्षीय संबंधों के 50 साल होने पर मुजीब बर्षाे मना रहे हैं।
उन्होंने कहा, हमारे सभी सपने सच हों और मैं आपको आश्वासन देता हूं कि भारत एक सच्चे दोस्त की तरह हमेशा आपके साथ रहेगा। उन्होंने ट्वीट किया, हमारा संबंध इतना विस्तृत और हमारी आपसी समझ इतनी अच्छी है कि हमारे बीच कोई पहलु अनछुआ नहीं है। यह वाकई 360 डिग्री वाला संबंध है। जयशंकर ने कहा, हमारा संबंध हमारी रणनीति साझेदारी से बढ़कर है और मेरा मानना है कि हमारा संबंध शांतिपूर्ण, समृद्ध और प्रगतिशील दक्षिण एशिया के सपने को पूरा करने का महत्वपूर्ण कारक है।
उन्होंने कहा कि इस सपने को पूरा करने के लिए दोनों पक्षों ने संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी के मई, 2014 में पदभार संभालने के बाद से। उन्होंने कहा, हम बांग्लादेश को महत्वपूर्ण पड़ोसी और ना सिर्फ दक्षिण एशिया बल्कि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में मूल्यवान साझेदार के रूप में देखते हैं। हमारे संबंधों का प्रत्येक परिणाम और उपलब्धि इस क्षेत्र को प्रभावित करती है।