भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को ओड़िशा में एक उर्वरक संयंत्र सहित आधा दर्जन परियोजनाएं शुरू करेंगे। वह राज्य में झारसुगुड़ा हवाई अड्डा और उड़ान का उद्घाटन भी करेंगे। यहां पहुंचने के बाद अंगुल जिले के तालचर रवाना हुए मोदी वहां कोल गैस से संचालित होने वाले देश के पहले उर्वरक संयंत्र की आधारशिला रखेंगे और काम शुरू कराएंगे।
ओड़िशा में यूरिया की उपलब्धता सुलभ हो
इस उर्वरक संयंत्र को गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल), कोल इंडिया लिमिटेड, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड और फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम तालचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड द्वारा विकसित किया जा रहा है। साल 2022 में चालू होने जा रहा यह संयंत्र सुनिश्चित करेगा कि ओड़िशा में यूरिया की उपलब्धता सुलभ हो। राज्य में अब तक कोई यूरिया संयंत्र नहीं है। ओडिशा के अपने एक दिवसीय दौरे में मोदी एनटीपीसी और महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) की खदानें और कोयले के परिवहन के लिए बनीं रेल पटरियां राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
23 करोड़ टन का कोयला भंडार है
अधिकारियों ने बताया कि एमसीएल की ओपन कास्ट माइन खदान में 23 करोड़ टन का कोयला भंडार है, जिसकी सालाना उत्पादन क्षमता 1.3 करोड़ टन है। इससे 894 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार और 5,000 लोगों के लिए परोक्ष रोजगार पैदा होगा। प्रधानमंत्री मोदी एमसीएल द्वारा निर्मित झारसुगुडा-सर्डेगा रेलवे लाइन (53.1 किलोमीटर) की भी शुरुआत करेंगे। इस रेल मार्ग को यात्री यातायात के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। मोदी सुंदरगढ़ जिले में एनटीपीसी की दुलंगा कोयला खनन परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
मौसम में संचालन के लिए विकसित किया गया
यह सरकार द्वारा संचालित कंपनी का दूसरा खदान है जिसे चालू किया जा रहा है। यह राज्य में इस कंपनी का पहला खदान है। इस खदान से उत्पादित कोयले का इस्तेमाल सुंदरगढ़ जिले में एनटीपीसी के निर्माणाधीन डर्लीपाली सुपर थर्मल बिजली संयंत्र (1600 मेगावॉट क्षमता) में किया जाएगा। झारसुगुडा में नए हवाई अड्डे के बारे में अधिकारियों ने बताया कि इसे हर मौसम में संचालन के लिए विकसित किया गया है। ए-320 जैसे विमान यहां रात के वक्त भी उड़ान भरने में सक्षम होंगे। झारसुगुडा ओड़िशा का दूसरा हवाई अड्डा होगा जहां यातायात की सुविधा शुरू की गई है। केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत यह भुवनेश्वर, रायपुर और रांची को झारसुगुडा से जोड़ेगा।