शबद कीर्तन संग शुरू हुआ गुरू ग्रन्थ साहिब का प्रकाश पर्व

लखनऊ। साहिब श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी महाराज का 420वां पहला प्रकाश पर्व सेवक जत्थे एवं श्री गुरु सिंह सभा की ओर से ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरु नानक देव जी, नाका हिण्डोला लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया जा रहा है। प्रात: का दीवान 5.00 बजे शबद चौकी के कार्यक्रम आरम्भ हुआ जिसमें शबद कीर्तन गायन करते श्रद्धालुओं के पीछे फूलों की बरखा एवं सुगन्ध से भरे वातावरण में फूलों से सुसज्जित भव्य पालकी साहिब में विराजमान साहिब श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी महाराज को पुरूष, महिलाएं तथा बच्चे अपने कन्धों पर उठाकर वाहिगुरू का जाप एवं गुरबाणी कीर्तन का गायन कर रहे थे शबद चौकी के कार्यक्रम के उपरान्त श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी का प्रकाश दरबार हाल में फूलों और एवं बिजली की झालरों से सुसज्जित भव्य संगमरमर की पालकी में किया गया उसके उपरान्त श्री अखण्ड पाठ शुभारम्भ हुआ जो लगातार 48 घन्टे तक चलेगा तत्पश्चात भाई हजूरी रागी राजिन्दर सिंह जी ने अपनी मधुर वाणी में “सभ सिक्खन को हुकुम है गुरू मान्यो ग्रंथ” एवं पवित्र आसा दी वार का अमृतमयी शबद कीर्तन गायन किया। ज्ञानी गुरजिन्दर सिंह जी ने श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी की महिमा का व्याख्यान करते हुए बताया कि गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज का सबसे पहले प्रकाश सिक्खों के पाँचवें गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी ने श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर साहिब में 1604 को किया था और बाबा बुड्ढा जी को पहला मुख्य ग्रंथी बनाया। कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह मीत ने किया। 3 सितंबर 2024 को शाम के विशेष कीर्तन समागम में शामिल होने के लिए भाई हरभेज सिंह जी वडाला हजूरी रागी जत्था श्री दरबार साहिब श्री अमृतसर साहिब से विशेष रूप से पधार रहे हैं जो गुरबाणी कीर्तन गायन कर संगतों को निहाल करेंगे। दीवान की समाप्ति के उपरान्त ब्रेड छोले, चाय नाश्ता का लंगर श्रद्धालुओं में वितरित किया गया।

गुरुद्वारा यहियागंज में प्रकाश पर्व कल


लखनऊ। ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी यहियागंज में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व 4 सितंबर को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। गुरुद्वारा सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि डॉक्टर गुरमीत सिंह के संयोजन में होने वाले इस कार्यक्रम में विशेष रूप से भाई हरभेज सिंह वडाला श्री दरबार साहब श्री अमृतसर से पधार रहे हैं कार्यक्रम की शुरूआत शाम 7:00 बजे होगी एवं समाप्ति देर रात होगी। इस अवसर पर गुरुद्वारा साहिब को विशेष रूप से सजाया जाएगा।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब की संपादना सिखों के 5वें गुरु श्री गुरु अर्जुनदेव द्वारा की गई। श्री गुरु ग्रंथ साहिब में गुरु अर्जुनदेव ने अपने से पहले चारों गुरुओं द्वारा रची गई वाणी, अपनी गुरुवाणी, उस वक्त के निर्गुण विचारधारा के 15 भक्तों की वाणी, गुरु घर के अनन्य सेवक बलवंत जी, सुन्दर जी और 11 भट्टी की वाणी का समावेश किया गया। गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी में मुल्तानी, पंजाबी, हिन्दी, सिंधी, मराठी, व्रज, गुजराती, अरबी, फारसी भाषाओं का समावेश है। माना जाता है प्रभु परमात्मा द्वारा जो वाणी गुरुओं को सुनाई गई थी, वही गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी में मौजूद है। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर सहित देश भर में गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

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