शिव परिवार की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है
लखनऊ। पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। ये उपवास महादेव की पूजा को समर्पित है। इस दिन शिव परिवार की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती हैं। साथ ही दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है। अश्विन माह में 15 अक्तूबर 2024 मंगलवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन मंगलवार होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दौरान महादेव के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा करने से साधक को मानसिक और आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इस बार आश्विन माह के प्रदोष व्रत पर वृद्धि योग और पूवार्भाद्रपद नक्षत्र बन रहा है। साथ ही चन्द्रमा मीन राशि में रहेंगे। ऐसे में कुछ चीजों का दान करना और भी लाभकारी हो सकता है। इससे भाग्य में वृद्धि और आर्थिक लाभ की संभावना है। इसी कड़ी में आइए प्रदोष व्रत पर दान करने वाली चीजों के बारे में जानते हैं।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत में पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 15 अक्तूबर को शाम 05 बजकर 38 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 13 मिनट तक है। इस दौरान आप भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
प्रदोष व्रत पर करें इन पांच चीजों का दान
प्रदोष व्रत पर सुहागिन महिलाओं को हरे रंग की चूड़ियां दान करनी चाहिए। मान्यता है कि इससे वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। साथ ही पति-पत्नी के रिश्ते भी मजबूत होते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत पर सफेद चीजों का दान करना बेहद शुभ होता है। ऐसे में आप सफेद वस्त्र, दही व दूध का दान कर सकते हैं। इससे महादेव की कृपा बनी रहती हैं।
इस दौरान आप अन्न का दान भी कर सकते हैं। इससे साधक के धन-दौलत में वृद्धि होती हैं। साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत पर काले तिल का दान करना चाहिए। ये महादेव को अति प्रिय हैं। इससे शिव जी के साथ-साथ शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होती है।
जीवन में वस्त्रों का दान सबसे बड़ा दान होता है। इससे सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। आप प्रदोष व्रत पर जरूरतमंद लोगों को वस्त्रों का दान कर सकते हैं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। एक वेदी पर भगवान शिव और देवी पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। देसी घी का दीपक जलाएं और गुड़हल, आक, मदार के फूल अर्पित करें। खीर, ठंडाई और घर पर बनी मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं। भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित विभिन्न मंत्रों का जाप करें। भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए शिव पुराण और शिव तांडव स्त्रोत का पाठ भी करें। इसके साथ ही प्रदोष व्रत का पाठ करें। शाम को शिव परिवार की पूजा जरूर करें। आरती के साथ पूजा पूर्ण करें। फिर भोग प्रसाद परिवार के सदस्यों में बांटें। व्रती अपना व्रत सात्विक भोजन से खोलें और तामसिक भोजन से बचें।