व्लादिवोस्तोक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बुधवार को ज्वेज्दा पोत निर्माण परिसर का दौरा किया और संयंत्र के प्रबंधकों एवं अन्य कर्मियों से बातचीत की। पुतिन ने मोदी को पोत की अत्याधुनिक तकनीक के बारे में बताया। दो दिवसीय यात्रा पर रूस पहुंचे मोदी ने इसके बाद रूस के राष्ट्रपति के साथ शिखर वार्ता की और वे पूर्वी आर्थिक मंच में शामिल होंगे। मोदी रूस के पूर्वी सुदूर क्षेत्र की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री मोदी के यार्ड के दौरे के समय पुतिन भी उनके साथ थे। ज्वेज्दा यार्ड जाने से पहले दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया और हाथ मिलाया। मोदी ने पोत निर्माण परिसर की यात्रा के बाद कहा, हमारे दौरे के समय राष्ट्रपति पुतिन ने मुझे पोत यार्ड में अत्याधुनिक तकनीक दिखाई। मेरी यह यात्रा इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग के नए मार्ग खोलती है। मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने ज्वेज्दा यार्ड में उनके साथ जाकर जो विशेष भाव दर्शाया, वह उनके दिल को गहरे तक छू गया। यह यार्ड आर्कटिक जहाजरानी के विकास में बड़ा योगदान देगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, भारत-रूस के संबंधों की तेज बयार चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने ज्वेज्दा पोत निर्माण परिसर जाते समय एक पोत पर एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिताया। मोदी ने संयंत्र के प्रबंधकों और अन्य कर्मियों से भी बातचीत की।
कुमार ने ट्वीट किया, पोत निर्माण जैसे सहयोग के नए क्षेत्र भारत एवं रूस के मजबूत आर्थिक संबंधों को विविधता प्रदान करने के अवसर मुहैया कराते हैं। तास संवाद समिति ने पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव के हवाले से बताया कि भविष्य में इस यार्ड पर निर्मित पोतों का प्रयोग भारत समेत वैश्विक बाजार में रूसी तेल और द्रवित प्राकृतिक गैस पहुंचाने में किया जाएगा। रूसी संवाद समिति के अनुसार रोसनेफ्ट, रोसनेफ्टगाज और गजप्रॉमबैंक का संघ फार ईस्टर्न शिपबिल्डिंग एंड शिप रिपेयर सेंटर में ज्वेज्दा पोत यार्ड का निर्माण कर रहा है। यार्ड के दौरे के बाद दोनों नेताओं ने पूर्वी आर्थिक मंच के इतर 20वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता की। रूस एशियाई देशों के साथ साझेदारी मजबूत करने के लिए 2015 से इसकी मेजबानी कर रहा है। कुमार ने ट्वीट किया, भारत और रूस के संबंध दोनों राजधानियों के रिश्तों तक ही सीमित नहीं है और वे अब नए मोर्चों पर विकसित हो रहे हैं। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी का रूस की तीसरी द्विपक्षीय यात्रा पर व्लादिवोस्तोक हवाईअड्डा पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उन्हें हवाईअड्डे पर गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।