अपनी कार्यशैली के चलते चर्चा में रहे प्रभाकर चौधरी

 

13 साल की नौकरी में 21 बार हुआ ट्रांसफर

 मेरठ में रहा सबसे बड़ा एक साल का कार्यकाल

 तैनाती के दौरान सुर्खियों में रहे कई किस्से

राजा शेख

लखनऊ। बरेली से हटाये गये एसएसपी प्रभाकर चौधरी जितना अपना कामों को लेकर जनता के बीच लोकप्रिय हैं, उतना ही अपने ट्रांसफर को लेकर भी मशहूर हैं। वह 13 साल की नौकरी में बीते रविवार को 21वां ट्रांसफर हुआ। इस बार तो महज साढ़े चार महीने में ही उनको बरेली के एसएसपी पद से हटाकर 32वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ के सेनानायक के पद पर भेज दिया गया। उनकी पूरी सर्विस के दौरान एक ही बार ऐसा हुआ कि जब उन्होंने मेरठ में अपनी तैनाती के एक साल का कार्यकाल पूरा कर पाये हैं, नहीं तो इनका कार्यकाल मात्र 6 से 7 महीने तक ही एक जिले में तैनात रह पाता है।
बता दें कि प्रभाकर चौधरी 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह मूलत: अंबेडकरनगर जिले के रहने वाले हैं। इनके पिता का नाम पारस नाथ चौधरी है। प्रभाकर चौधरी ने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज का एग्जाम क्रैक कर लिया था, जिसमें इन्हें आईपीएस का पद मिला। संयोग से इन्हें अपना होम कैडर उत्तर प्रदेश भी मिल गया। प्रभाकर चौधरी देवरिया, बिजनौर, बलिया और कानपुर देहात में बतौर एसपी तैनात रह चुके हैं।

वाराणसी, मुरादाबाद, मेरठ और आगरा में बतौर एसएसपी भी जिम्मेदारी संभाल चुके है। जब बरेली के एसएसपी पद पर इसी साल मार्च महीने में इनका तबादला हुआ था तो इन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि यह उनका 19 वां जिला है, जिसमें तैनात हुई है। इससे पहले मेरठ के एसएसपी थे, जहां अपना एक साल का कार्यकाल पूरा किया था। बाकी जिलों में प्रभाकर चौधरी सिर्फ छह से सात महीने का ही कार्यकाल पूरा कर पाए हैं।

मेरठ में तैनाती के दौरान का यह हुआ था मशहूर वाक्या

दरअसल, प्रभाकर चौधरी के काम करने का अंदाज बेहद अनूठा है। वह अपनी ईमानदारी छवि, काम करने के तरीके और मातहतों के बीच अपनी लोकप्रियता को लेकर जाने जाते हैं। प्रभाकर चौधरी को जब 15 जून 2021 को मेरठ का एसएसपी बनाया गया था, तब जॉइनिंग से पहले वह 15 से 17 जून तक छुट्टी पर रहे। इस दौरान उन्होंने सिंघम स्टाइल में गुपचुप तरीके से पूरा मेरठ शहर घूमा और स्थिति का जायजा लिया।

जब स्टोनो से पूछा- आप कौन, जो सिम मांग रहे हो

हालांकि जब इन्होंने अपना आई कार्ड दिखाया तो गार्ड ने आनन-फानन में गेट खोला। जब तक बंगले पर तैनात लोग कुछ समझ पाते प्रभाकर चौधरी बंगले के अंदर आॅफिस में पहुंच गए। वह चुपचाप स्टेनो के पास पहुंचे और अपना सीयूजी सिम मांगा। स्टेनो ने पूछा कि, आप कौन हैं, जो सिम मांग रहे हैं। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि, मैं प्रभाकर चौधरी जिले का नया एसपी यह नाम सुनते ही आॅफिस में मौजूद पुलिसवालों में हड़कंप मच गया। सभी पुलिस कर्मियों ने एसपी को सलामी ठोंकी और फिर सोशल मीडिया व विभाग में चर्चा का विषय बन गया। ऐसे और कई किस्से हैं जो चर्चा में रहते हैं। हालांकि इस बार हुए ट्रांसफर के पीछे कांड़ियों पर किया गया लाठी चार्ज है जिसके लिए ततकाल हटाकर उन्हें 32 वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ भेजा गया है।

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