तुलसी के राम जन- जन के राम हैं
लखनऊ। राजाजीपुरम जलालपुर क्रॉसिंग,पारा रोड में चल रही 7 दिवसीय श्री रामकथा के चतुर्थ दिवस राघवचरणानुरागी श्री हरिओम तिवारी जी ने आज श्रीरामकथा के प्रवाह को आगे बढ़ते हुए कहा की राम नाम सरलता और लघुलता का प्रतीक है।श्री राम अपने सरलता और लघुता से दूसरों को गौरव प्रदान करते हैं। यद्यपि प्रभु के नाम तो अनेक है परंतु राम नाम इसलिए सबसे बड़ा है क्योकि यह नाम सरल भी है और लघु भी है। इसको जानसाधारण लोग भी जप सकते हैं। इसलिए तुलसी के राम जन- जन के राम हैं। यदि वह वशिष्ठ मुनि जी के राम हैं तो केवट भैया के भी राम हैं। राम नाम सुख का धाम है। आप अपने सुख की भूख को राम नाम से तृप्त कर सकते हैं,आप अपने आनंद की प्यास को राम नाम के आनंद रूपी सिंधु के जल से बुझा सकते हैं,आप अपने त्रैलोक्य सुपासी से अपने वस्त्र की इच्छा की पूर्ति कर सकते हैं और आप अपने सुंदर घर का सपना भी सुख के धाम प्रभु श्री राम से प्राप्त कर सकते हैं ।सत्ताऔर समृद्धि हमारे साधना की सबसे बड़ी बाधक है।





