राष्ट्रकवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल जी की पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी
लखनऊ। लोक संस्कृति की धरोहर मुनाल द्वारा आयोजित राष्ट्रकवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल जी की पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी का आयोजन बुद्ध बसंती सभागार वजीर हसन रोड पर किया गया। मुख्य अतिथि गढ़वाली फिल्म असगार के निमार्ता सुरेश वर्मा मुनालश्री विक्रम बिष्ट तथा साहित्यकार महेश सकलानी ने चन्द्र कुंवर बर्त्वाल सम्मान से उभरते हुए साहित्यकार कवि मोहन सिंह बिष्ट को अंग वस्त्र प्रतीक चिन्ह प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया मुनालश्री विक्रम बिष्ट ने बतायाचन्द्र कुंवर बर्त्वाल का जन्म उत्तराखण्ड के ग्राम मालकोटी, पट्टी तल्ला नागपुर चमोली गढ़वाल में 20 अगस्त 1919 में हुआ था। बर्त्वाल जी की शिक्षा पौड़ी, देहरादून और इलाहाबाद में हुई। इलाहाबाद से बीए की परीक्षा उत्तीर्ण की तथा एमए में लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। यहीं पर ये श्री सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी के सम्पर्क में आये। साहित्यकार महेश सकलानी ने कहा प्रकृति के चितेरे कवि, हिमवंत पुत्र बर्त्वाल जी अपनी मात्र 28 साल की जीवन यात्रा में हिन्दी साहित्य की अपूर्व सेवा कर अनन्त यात्रा पर प्रस्थान कर गये। 1947 में इनका आकस्मिक देहान्त हो गया। नाखूनी चित्रकार रजनीश डॉबरियाल ने अपने विचार रखते हुए कहा हिंदी दिवस बर्त्वाल जी की पुण्यतिथि पर ही मनाया जाता है ऐसा कई विद्वानों का मत है इस अवसर पर गढ़वाली समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष घिल्डियाल, राजेंद्र चौहान, यशभारती ऋचा जोशी, प्रियंका टंडन, मानसी बिष्ट, रजनीश डॉबरियाल ,सुखदेव थपलियाल आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किया।