लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद 35 मिनट का संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि यहां आना स्वाभाविक था, क्योंकि राम काज कीजे बिना मोहि कहां विश्राम। भारत आज भगवान भास्कर के सानिध्य में सरयू के किनारे एक स्वर्णिम अध्याय रच रहा है। सोमनाथ से काशी विश्वनाथ से, बोधगया से सारनाथ तक, अमृतसर से पटना साहिब तक, लक्षद्वीप से लेह तक आज पूरा भारत राम मय है।
पूरी दुनिया में राम की गूंज
पहले प्रभु राम और माता सीता को याद कर लें। सियावर रामचंद्र की जय, जय श्री राम। आज यह जयघोष सिर्फ सियाराम की नगरी में नहीं सुनाई दे रहा है। इसकी गूंज पूरे दुनियाभर में है। सभी देशवासियों को और विश्व में फैले करोड़ों-करोड़ों भारत भक्तों को, रामभक्तों को आज के इस पवित्र अवसर पर कोटि-कोटि बधाई।
सदियों का इंतजार हुआ समाप्त
पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। आज पूरा भारत भावुक है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। करोड़ों लोगों को आज ये विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि वो अपने जीते जी इस पावन दिन को देख पा रहे हैं। बरसों से टेंट के नीचे रहे हमारे राम लला के लिए एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना सदियों से चल रहे इस क्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है।
हमारी संस्कृति के आधार है राम
राम हमारे मन में हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। कोई काम करना हो तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट हो गईं, क्या कुछ नहीं हुआ, अस्तित्व मिटाने के बहुत प्रयास हुए, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं। हमारी संस्कृति के आधार है। श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। इसी आलोक में अयोध्या में राम जन्मभूमि पर श्री राम के भव्य-दिव्य मंदिर के लिए आज भूमि पूजन हुआ है।
आने वाली पीढ़ियों के लिए शक्ति का आधुनिक प्रतीक
यहां आने से पहले मैंने हनुमान गढ़ी का दर्शन किया। राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं। राम के आदर्शों की कलियुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी भी हनुमान की है। श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। आने वाली पीढ़ियों को आस्था, श्रद्धा और संकल्प की प्रेरणा यह मंदिर देता रहेगा। इस मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की भव्यता ही नहीं बढ़ेगी, इस क्षेत्र का पूरा अर्थ तंत्र ही बदल जाएगा। हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे, हर क्षेत्र में अवसर बढ़ेंगे।
यह ऐतिहासिक राम मंदिर भारत की कीर्ति बढायेगा
उन्होंने कहा, विश्वास को विद्यमान से, नर को नारायण से, लोक को आस्था से, वर्तमान को अतीत से, स्व को संस्कार से जोड़ने का महोत्सव है। आज का यह ऐतिहासिक पल युगों-युगों तक, दिगदिगंत तक भारत की कीर्ति पताका फहराता रहेगा। आज का दिन करोड़ों रामभक्तों की सत्यता का प्रमाण है। आज का दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्याय प्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है।
कोरोना का रखा गया है ध्यान
कोरोना से बनी स्थितियों के कारण भूमि पूजन का कार्यक्रम मर्यादाओं के बीच हुआ। श्रीराम के कार्यक्रम में मर्यादा का जैसा प्रस्तुत करना चाहिए, देश ने वैसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया।