पितृपक्ष शुरू, गोमती किनारे पिण्ड तर्पण कर पूर्वजों को किया याद

लखनऊ। शहरभर में कई जगह रविवार से शुरू पितृपक्ष के मौके पर सामूहिक पिण्ड तर्पण किया गया। पितृपक्ष के पहले दिन लोगों ने श्राद्ध पूजन कर अपने दिवंगत पूर्वजों को याद किया।
कुड़ियाघाट स्थित लल्लू गुरु मंदिर के पास रविवार को लोगों ने श्राद्ध पूजन किया। इसी क्रम में चौक स्थित चारधाम मंदिर के स्वर्ग भवन में सुबह 10 से 11 बजे तक तर्पण अनुष्ठान होगा। शुभ संस्कार समिति की महामंत्री ऋद्धि गौड़ ने बताया कि यह क्रम पूरे पितृपक्ष चलेगा। पितृपक्ष के पहले दिन लोगों ने गोमती किनारे घाट पर जाकर स्नान-दान किया और अपने पितरों को याद किया। इसी कड़ी में इन्दिरा नगर सेक्टर-9 स्थित गायत्री ज्ञान मंदिर में प्रतिवर्ष की भॉति पितृपक्ष के अवसर पर सामूहिक पिण्ड तर्पण प्रारम्भ हुआ। प्रात: 5:00 बजे से देव आवाहन, देवपूजन के उपरान्त पिण्ड तर्पण प्रारम्भ हुआ। पिण्ड तर्पण के उपरान्त गायत्री यज्ञ में लोक कल्याण के लिए गायत्री मंत्र, नवग्रह मंत्र, महामृत्युजंय मंत्रों की एवं पूर्वजों की एवं शहीदों के आत्मोन्न्ति के लिए आहूतियां प्रदान की गयीं। यह अवसर पूर्वजों को श्रद्धा देने तथा उनसे आशीर्वाद पाने का अवसर है। इसमें अनिवार्य रूप से भागीदारी करना चाहिये। श्री शर्मा ने बताया कि तर्पण के सभागार में युग ऋषि द्वारा रचित धर्म एवं अध्यात्म, वैज्ञानिक विश्लेषण के साथ जीवन मृत्यु एवं आत्मा पर आधारित साहित्य जैसे मैं क्या हूं, गहना कर्माेगति, मरने के बाद हमारा क्या होता, पितरोें को श्रद्धा दें वे शक्ति देंगे, पितर हमारे अदृश्य सहायक, मरणोत्तर जीवन उसकी सच्चाई, जीवन एवं मृत्यु, भूत कैसे होते हैं क्या करते हैं, स्वर्ग-नर्क की स्वचालित प्रक्रिया, मरे तो सही बुद्धिमता के साथ, जल्दी मरने की उतावली न करें उपरोक्त पुस्तकें सभागार में अवलोकन हेतु प्रदर्शित रहेंगी क्रय करके लिया भी जा सकता है।

पितरों को पिंडदान करना सुख-समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण :

पितरों की आत्मा की मुक्ति और शांति के लिए भाद्र मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से आरम्भ होकर आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक एक पखवाड़े तक चलने वाला पितृपक्ष आज से शुरू हो गया है। सनातन धर्म में पितरों की आत्मशंति और मोक्ष प्राप्ति के लिए पितृ पक्ष का समय महत्वपूर्ण माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि इस महीनें में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से पितरों को मोक्ष मिलता है। मान्यता है कि श्राद्ध कर्म करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और वंश वृद्धि का आशीष प्राप्त होता है। हर साल पितृपक्ष में पूर्वज पितृलोक से धरती लोक पर आते हैं और श्राद्ध मिलने पर प्रसन्न होकर स्वस्थ, चिरंजीवी, धनधान्यपूर्ण और परिवार के मंगल का आशीर्वाद देकर पितृ लोक को वापस जाते हैं। हिन्दू अपने पितरों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं और उनके लिए पिण्ड दान करते हैं।

गायत्री ज्ञान मंदिर में हुआ सामूहिक पिण्ड तर्पण

पूर्वजों की आत्मोन्न्ति एवं शहीदों की आत्मोन्न्ति के लिए आहूतियाँ प्रदान की गयी
लखनऊ। इन्दिरा नगर सेक्टर-9 स्थित गायत्री ज्ञान मंदिर में प्रतिवर्ष की भॉति पितृपक्ष के अवसर पर आज से 07 सितम्बर 2025 से सामूहिक पिण्ड तर्पण शुरू होकर और 21 सितम्बर तक 2025 तक प्रतिदिन चलेगा।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने बताया किया आज प्रात: 5 बजे से देव आवाहन, देवपूजन के उपरान्त पिण्ड तर्पण प्रारम्भ हुआ, पिण्ड तर्पण के उपरान्त गायत्री यज्ञ में लोक कल्याण के लिए गायत्री मंत्र, नवग्रह मंत्र, महामृत्युजंय मंत्रों की एवं पूर्वजों की एवं शहीदों के आत्मोन्न्ति के लिए आहूतियाँ प्रदान की गयीं। श्री शर्मा ने बताया ऋषियों द्वारा वर्णित साहित्य में उल्लेख है कि पितरों को श्रद्धा दें वे शक्ति देगें, यह अवसर पूर्वजों को श्रद्धा देने तथा उनसे आशीर्वाद पाने का अवसर है। इसमें अनिवार्य रूप से भागीदारी करना चाहिये। श्री शर्मा ने बताया कि तर्पण के सभागार में युग ऋषि द्वारा रचित धर्म एवं अध्यात्म, वैज्ञानिक विश्लेषण के साथ जीवन मृत्यु एवं आत्मा पर आधारित साहित्य जैसे-मैं क्या हूँ?, गहना कर्माेगति, मरने के बाद हमारा क्या होता, पितरोें को श्रद्धा दें वे शक्ति देंगे, पितर हमारे अदृश्य सहायक, मरणोत्तर जीवन उसकी सच्चाई, जीवन एवं मृत्यु, भूत कैसे होते हैं क्या करते हैं?, स्वर्ग-नर्क की स्वचालित प्रक्रिया, मरे तो सही बुद्धिमता के साथ, जल्दी मरने की उतावली न करें उपरोक्त पुस्तकें सभागार में अवलोकन हेतु प्रदर्शित रहेंगी क्रय करके लिया भी जा सकता है। आज के कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रमुख व्यक्ति श्री एम.के. निरंजन मुख्य महाप्रबन्धक जल निगम उप्र, लखनऊ श्री राजेश यादव माँ भगवती ग्रुप इंस्टीट्यूट के चेयरमैन, रविकांत दुबे, संजय अग्रवाल, आलोक पाण्डेय, राधेश्याम तिवारी, इं.देवेन्द्र सिंह, श्रीमती कमला सक्सेना, सहित 15 लोगों ने भाग लिया। पिण्ड तर्पण में नर-नारी जातिवंश का भेद नहीं होगा सभी भागीदारी कर सकते हैं। कार्यक्रम भाग लेने के लिए एक दिन पूर्व पंजीयन करना अनिवार्य होगा। पिण्ड तर्पण में नर-नारी जातिवंश का भेद नहीं होगा सभी भागीदारी कर सकते हैं। कार्यक्रम भाग लेने के लिए एक दिन पूर्व पंजीयन करना अनिवार्य होगा।

21 को शहीदों का होगा तर्पण
लखनऊ। राष्ट्रभक्ति जागृति अभियान के अंतर्गत पितृपक्ष अमावस्या को शहीदों के भाव तर्पण का अनुष्ठान देश भर में विभिन्न स्थानों पर आयोजित होगा। शनिवार को सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने तैयारी बैठक कर शहीद पितृ श्रद्धा नमन आयोजन की रुपरेखा बनाई। सुमंगलम सेवा साधना संस्थान के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के मुख्य संयोजक साधक राजकुमार ने बताया कि पिछले बीस वर्ष से निरंतर आयोजित हो रहे शहीद पितरों के तर्पण अनुष्ठान को इस बार व्यापक स्वरूप दिया जाएगा तथा एक स्मारिका भी प्रकाशित की जाएगी। मुख्य आयोजन लखनऊ के शहीद स्मारक पर 21 सितम्बर को होगा जिसमें ज्ञात अज्ञात शहीदों को भावांजलि दी जाएगी।

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