लखनऊ। बिजली रिडिंग स्टोर करने वाले नाम मात्र उपभोक्ताओं के चलते प्रदेश के लगभग 6 लाख बिजली उपभोक्ताओं को भी अब बिजली बिल माह के दूसरे सप्ताह में वो भी 1912 पर फोन बात कर जमा करना होगा।
प्रमुख सचिव ऊर्जा के आदेशाअनुसार पावर उप्र पावर कापोर्रेशन द्वारा भले ही नियमों के विपरीत महीने की 15 तारीख तक विद्युत उपभोक्ताओं को स्वयं अपनी रीडिंग लेकर बिल जमा करने पर रोक लगा दी गई है लेकिन जब इसके पीछे की सच्चाई पता की गई तो चौकाने वाली बात सामने आयी।
बिजली कम्पनियों में कुछ उपभोक्ता जो अपनी रीडिंग स्टोर कर लेते है और कम रीडिंग का बिल दिखाकर जमा करते हैं उनको रोकने के लिये यह किया गया है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस प्रकार के विद्युत उपभोक्ताओं जो काउन्टर पर स्वयं अपनी रीडिंग कम बताकर जमा करते हैं उनकी संख्या मात्र पूरे प्रदेश में 0.5 प्रतिशत लगभग होगी।
विभाग जब भी चाहे अपने अभियन्ताओं से चेक कराकर स्टोर रीडिंग पकड़ सकता है क्योंकि वह मीटर में उपलब्ध है। ऐसे में काउन्टर पर सही बिल जमा करने वाले लगभग 90 प्रतिशत बिजली उपभोक्ताओं को इसकी परेशानी झेलनी पडेंगी। पूरे प्रदेश में लगभग 60 लाख कुल विद्युत उपभोक्ता है जिसमें लगभग 6 लाख विद्युत उपभोक्ता स्वयं अपनी रीडिंग के माध्यम से बिल जमा करते है। वहीं कारर्पोरेशन को 100 करोड़ से ज्यादा में रखे गये कन्सलटेन्टों से कोई भी फील्ड का कार्य नही कराया जा रहा है।