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राज्यपाल ने किया केजीएमयू में बने प्रदेश के पहले ‘प्लाज्मा बैंक’ का उद्घाटन
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग द्वारा स्थापित उत्तर प्रदेश का पहला ‘प्लाज्मा बैंक’ का शनिवार को राजभवन से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया।
इस मौके पर राज्यपाल ने अपील की है कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोग ज़्यादा से ज़्यादा प्लाज्मा दान करें। यह देश की सेवा और मानव सेवा का महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि अगर किसी संक्रमित व्यक्ति की जान बचेगी, तो उसके साथ ही उसका पूरा परिवार दुआ ही देगा।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी में मरीज के शरीर में एंटीबॉडीज पहुंचाकर उसे वायरस से लड़ने के लिए बेहतर बनाया जाता है। जब किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस का संक्रमण होता है तो उसका शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए उसके खून में मौजूद प्लाज्मा में एंटीबॉडी का निर्माण करने लगता है और प्लाज्मा में मौजूद यही एंटीबॉडी कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने में मदद करती है।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना वायरस अत्यंत सूक्ष्म वायरस जनित एक महामारी है। इसने पूरे विश्व को काफी कुछ सीखने एवं सोचने पर मजबूर कर दिया है। अगर भारत के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो कोरोना संक्रमण के चलते देश के चिकित्सालयों में वेंटिलेटर्स की संख्या को बढ़ाया गया है। नवाचार के माध्यम से नये बनने वाले वेंटिलेटर्स पहले के मुकाबले कम दाम में उपलब्ध हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसी तरह चिकित्सा क्षेत्र में इस्तेमाल के लिए पीपीई किट का पहले हम आयात करते थे और सीमित मात्रा में मास्क एवं गलव्स का उत्पादन देश में होता था, लेकिन कोरोना के प्रभाव के चलते आज देश में प्रतिदिन बड़ी संख्या में पीपीई किट, मास्क का उत्पादन हो रहा है। इस क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर भी बने हैं।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के इलाज हेतु अभी तक न कोई सटीक दवा है और न ही इसके रोकथाम हेतु कोई वैक्सीन ही बन पायी है।
ऐसी स्थिति में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ में ‘प्लाज्मा बैंक’ की स्थापना कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में अहम रोल अदा करेगा और इससे प्रदेश के कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में प्लाज्मा बैंक मील का पत्थर साबित हो सकता है।





