एसएनए में पुनीत नृत्य नाटिका वतन के वास्ते का मंचन
लखनऊ। रंगसंस्था कामायनी द्वारा संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में पुनीत मित्तल के निर्देशन में नृत्य नाटिका वतन के वास्ते का मंचन किया गया। संस्था के अध्यक्ष राजेश जायसवाल ने बताया कि अभी हाल ही में पहलगाम हमले के पश्चात भारतीय फौज ने जिस प्रकार पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया तथा उनके तमाम लड़ाकू जहाजों को हवा में ही मार गिराया। संस्था ने उन वीर सैनिकों के नाम एक शाम नृत्य नाटिका वतन के वास्ते का मंचन किया गया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त कर्नल एमसी जायसवाल, एलके तिवारी व राकेश जायसवाल, कैप्टन एके गुप्ता, वाईपीएन सिंह, एचके कनौजिया, कर्नल तुषार बाछिल, सूबेदार जोगेन्द्र यादव का सम्मान किया गया। यह नृत्य नाटिका देशभक्ति, बलिदान और पारिवारिक संवेदनाओं का अद्वितीय संगम रही।
कहानी भारतीय सेना के वीर जवान कैप्टन राघव की गाथा को जीवंत करती है अपनी पत्नी और पुत्र को छोड़कर छुट्टियों के मध्य ही फौज में वापस चला जाता है और फिर शुरू होता है पत्रों के माध्यम से उनके प्रेम, संघर्ष और त्याग की गाथा। नारी सशक्तिकरण और सैन्य शौर्य का चित्रण करते हुये बीएसएफ की महिला बटालियन को बहुत अच्छे ढंग से भरतनाट्यम के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। शौर्य के साथ-साथ ही सपने में कैप्टन राघव लट्ठमार होली खेलते हैं वहीं पिता से प्राप्त शिक्षा के आधार पर बेटा सोनू अपने विद्यालय में वंदे मातरम् गीत पर चन्द्रशेखर आजाद की भूमिका बखूबी निर्वाह करता है। कशमीर में आतंकवादी विरोधी अभियान के दौरान कैप्टन राघव जान की बाजी लगाकर लड़ते है और अंतिम आपरेशन में नौ गोलियाँ लगने के बाद भी तीन
आतंकवादियों को मार गिराते हैं और भारत माता की जय के उद्घोष से वीरगति को प्राप्त होते हैं। नाटिका में कथक, भरतनाट्यम और लोकनृत्य का सुन्दर तालमेल दशार्या गया है। इस नाटिका की लेखिका है छवि मिश्रा ने वहीं प्रकाश का भार संभाला वरिष्ठ रंगकर्मी मो. हफीज ने। कलाकारों में आशीष सिंह, विनय गुज्जर, सुश्रत गुप्ता, अभिषेक गुज्जर, सर्वजीत, सीमापाल, प्रियम यादव, वंशिका शर्मा, अंशिका पाठक, दिलप्रीत कौर,, अक्षिता मिश्रा, शैलेन्द्र, ईशानी कनौजिया आदि ने अपने सशक्त अभिनय के बल पर दर्शकों को अन्त तक बांधे रखा। नाटिका की समाप्ति पर राष्ट्रगान हुआ जिस पर संस्था द्वारा उपलब्ध कराये गये तिरंगे को पूरे हाल में प्रत्येक दर्शक द्वारा लहराया गया । पूरा प्रेक्षागृह तिरंगामय और देशभक्ति से ओतप्रोत रहा।