ढोलक की गूंज और जनजातीय कलाकारों के पारंपरिक नृत्य ने बनाया माहौल
जनजातीय संस्कृति का दिखा जीवंत प्रदर्शन
लखनऊ। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ढोलक बजाकर उत्सव की शुरूआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज भारतीय संस्कृति की आत्मा है, जिसने सदियों से परंपरा को जीवित रखा। कार्यक्रम की सबसे खास झलक तब देखने को मिली जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच पर ढोलक की थाप बजाकर उत्सव का उद्घाटन किया। ढोलक की गूंज और जनजातीय कलाकारों के पारंपरिक नृत्य ने सभागार में उत्साह का माहौल बना दिया। मुख्यमंत्री के साथ मंच पर प्रदेश सरकार के कई मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न जनजातीय समुदायों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। ढोलक की ताल पर जनजातीय कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत कर पूरे सभागार को झूमने पर मजबूर कर दिया।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान परिसर में लगे सांस्कृतिक और हस्तशिल्प प्रदर्शनी में जनजातीय कला और संस्कृति की झलक देखने को मिली। छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनजातीय समूहों ने अपने लोक उत्पाद, परिधान, आभूषण और खाद्य सामग्री का प्रदर्शन किया। लकड़ी की कलाकृतियां, बाँस के शिल्प, पारंपरिक मिट्टी के बर्तन और हस्तनिर्मित कपड़े विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। साथ ही, जनजातीय लोक नृत्य , पाऔका, करमा, सरहुल और मांदर नृत्य ने दर्शकों का दिल जीत लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति का मूल तत्व सर्वे भवन्तु सुखिन: है। जनजातीय समाज ने सदैव प्रकृति की पूजा की और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखा। आज जब दुनिया जलवायु परिवर्तन की बात कर रही है, तब हमारे जनजातीय भाई-बहन सदियों से इस संतुलन के प्रतीक हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में पहली बार जनजातीय समाज को राष्ट्रीय गौरव के केंद्र में रखा गया है। बिरसा मुंडा जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना इसी दृष्टिकोण का हिस्सा है। इस छह दिवसीय उत्सव में देशभर के जनजातीय समुदायों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। कार्यक्रम में झारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और असम से आए दलों ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रदर्शनी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, जनजातीय कला प्रतियोगिता, लोक संगीत और जनजागरण सभाएं आयोजित की जा रही हैं। प्रदेश के सभी जनपदों से विद्यालयों के बच्चे भी समूह में इस आयोजन को देखने पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने हमें आत्मबल, त्याग और संघर्ष की प्रेरणा दी। हमें उनके आदर्शों पर चलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जहाँ कोई भी वंचित या उपेक्षित न रहे। उन्होंने जनजातीय कलाकारों को प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर बताते हुए कहा कि सरकार उनके उत्पादों के लिए स्थायी बाजार व्यवस्था और आॅनलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगी।





