संयुक्त राष्ट्र । भारत ने कहा है कि आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की सेना ने ही संघर्ष रोकने की अपील की थी और दिल्ली तथा इस्लामाबाद के बीच किसी भी मसले में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र की आम चर्चा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाषण के बाद, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने शुक्रवार को यह टिप्पणी की। दरअसल शरीफ ने अपने भाषण में कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों परमाणु-संपन्न देशों के बीच संघर्ष टालने में अहम भूमिका निभाई थी।
पेटल गहलोत ने भारत के जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए यूएनजीए में कहा,इस सभा में सुबह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बेतुका बयान सुनने को मिला। शरीफ ने एक बार फिर आतंकवाद का गुणगान किया, जो उनकी विदेश नीति के केन्द्र में है। शरीफ ने अपने संबोधन में कहा कि उनका देश भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों पर समग्र, व्यापक और परिणामोन्मुखी वार्ता के लिए तैयार है। उन्होंने कश्मीर की स्थिति को लेकर भारत की आलोचना भी की।
डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा करते हुए शरीफ ने कहा कि उनके शांति प्रयासों ने दक्षिण एशिया में एक युद्ध को टालने में मदद की। उन्होंने कहा,हमारे क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने में राष्ट्रपति ट्रंप के अद्भुत और उत्कृष्ट योगदान के लिए पाकिस्तान ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के वास्ते नामित किया है। हम इतना तो कर ही सकते हैं। मुझे लगता है कि वह सचमुच शांति के प्रतीक हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए एक आतंकवादी हमले के बाद, भारत ने छह मई की देर रात आपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया था। भारत लगातार कहता आ रहा है कि संघर्ष रोकने पर सहमति, दोनों देशों की सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद ही बनी थी।