यूपीएसएनए के स्थापना दिवस समारोह में गायन बना आकर्षण का केन्द्र
लखनऊ 13 नवम्बर। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी का स्थापना दिवस समारोह धरोहर गुरुवार 13 नवम्बर को अकादमी परिसर में स्थित संत गाडगे जी महाराज आॅडिटोरियम में आयोजित किया गया। इसमें मुम्बई के प्रतिष्ठित पद्मश्री रोनू मजूमदार का सुमधुर बांसुरी वादन और पुणे के प्रतिष्ठित गायक पंडित रघुनंदन पणशीकर का सुमधुर गायन आकर्षण का केन्द्र बना।
इस अवसर पर दीप प्रज्वलन के उपरांत अकादमी के निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर द्वारा उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष प्रो. जयंत खोत और उपाध्यक्ष विभा सिंह का अभिनंदन पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। इस अवसर पर अकादमी के अध्यक्ष प्रो. जयंत खोत ने बताया कि उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की स्थापना 13 नवंबर, 1963 को हुई थी। बीते 62 वर्षों में अकादमी गायन, वादन और नृत्य तीनों संगीत के क्षेत्रों में प्रदेश के नवांकुरों को प्रोत्साहित कर रही है वहीं रंगकर्म के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दे रही है। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर के संगीतज्ञों को आमंत्रित कर नवांकुरों को प्रेरित भी कर रही है। आज का समारोह धरोहर भी इसी श्रंखला की अहम कड़ी है।
अलका निवेदन के कुशल संचालन में हुए धरोहर समारोह में मुम्बई के प्रतिष्ठित पद्मश्री रोनू मजूमदार का सुमधुर बांसुरी वादन किया। उन्होंने राग झिंझोटी में अलाप से राग के स्वरूप को प्रभावी रूप से पेश किया वहीं उत्तरोत्तर उन्होंने जोड़ और झाला पेश कर प्रशंसा अर्जित की। रूपक ताल में इस मनोरम प्रस्तुति का आनंद सुधि श्रोताओं ने लिया। उनका साथ बांसुरी पर अर्थव प्रताप सिंह ने दे कर पद्मश्री रोनू मजूमदार का आशीर्वाद हासिल किया। तबले पर सपन अंजरिया संगत दी।
पुणे के प्रतिष्ठित गायक पंडित रघुनंदन पणशीकर ने अपनी गायकी का आगाज राग यमन से किया। उन्होंने अपने गुरु किशोरी अमोनकर जी को नमन करते हुए उनकी मशहूर रचना मो मन लगन लागी सुनायी। इस क्रम में उन्होंने पारंपरिक द्रुत रचना ए री आली पिया बिन सुनाकर संगीत अनुष्ठान को परवान चढ़ाया। अंत में उन्होंने भक्ति संगीत के तहत पंडित भीमसेन जोशी और लता मंगेशकर जी का मशहूर भजन बाजे रे मुरलिया बाजे सुनाकर प्रशंसा अर्जित की। साथी कलाकारों में हारमोनियम पर क्षितिज सिंह, तबले पर विनोद लेले ने प्रभावी संगत दी वहीं तानपुरे और गायन में राजपाल सिंह और अपर्णा पणशीकर ने बखूबी साथ दिया।
इस अवसर पर ग्वालियर स्थित राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.साहित्य कुमार नाहर, बिरजू महाराज कथक संस्थान की अध्यक्ष डॉ. कुमकुम धर, उपाध्यक्ष मिथलेश तिवारी, पूर्व आईएएस अनीता भटनागर जैन, वरिष्ठ गायिका पद्मा गिडवानी सहित कई विशिष्ट जन उपस्थित रहे।





