कौशल विकास से जोड़े जायेंगे आईआईटी, इसरो व एम्स के समान अन्य संगठन

विशेष संवाददाता लखनऊ। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की स्टेट स्टीयरिंग कमेटी में समिति द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन योजना 4.0 के प्रभावी अनुश्रवण व गुणवत्ता प्रशिक्षण के लिये यूपी कौशल विकास मिशन (यूपीएसडीएम) को नामित करने के कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार को पत्र भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। यूपीएसडीएम की अन्य योजनाओं में पीएमकेवीवाई 4.0 प्रोटोकॉल के अप स्किलिंग और
री-स्किलिंग प्रावधानों को शामिल करने के प्रस्ताव पर भी अनुमोदन प्रदान किया गया। इसके अलावा, एक स्थिर स्किल इकोसिस्टम के विकास को बढ़ावा देने के लिये आईआईटी, इसरो, एम्स के समान अन्य संगठनों को जोड़ने की पहल को मंजूरी प्रदान की गई।

बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई। समिति द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नामांकन और लक्ष्य प्राप्त करने जैसे प्रकरणों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिये ट्रेनिंग पार्टनर पर अर्थदण्ड तथा दुर्भावनापूर्ण तरीके से प्राप्त की गई राशि की वसूली की प्रक्रिया को अनुमोदन प्रदान किया गया। साथ ही इस बात पर विशेष बल दिया गया कि ट्रेनिंग पार्टनर को अभ्यर्थियों के प्लेसमेंट को लेकर अधिक उत्तरदायी बनाया जाये। स्किल ट्रेनिंग में प्लेसमेंट से जुड़े भुगतान मापदंडों को इस प्रकार निर्धारित किया जाये, जिससे अधिक से अधिक अभ्यर्थियों का प्लेसमेंट हो सके। समित द्वारा प्रदेश स्तर पर ‘स्किल मित्र पोर्टल’ विकसित करने पर मंजूरी प्रदान की गई। यह पोर्टल ‘एक राज्य एक पोर्टल’ पर आधारित होगा। इस पोर्टल पर विभिन्न विभागों, संस्थानों द्वारा प्रशिक्षण उम्मीदवारों का डाटा भी शामिल किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि अभी तक राज्य में स्किल के पूरे स्पेक्ट्रम को कैप्चर करने के लिये एक स्किल प्लेटफार्म उपलब्ध नहीं था।

समिति द्वारा स्टेट स्किल डेवलपमेंट फंड (एसएसडीएफ) का नाम ‘मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना’ रखे जाने के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान करते हुये अग्रेतर कार्यवाही सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये। इसके अतिरिक्त सीएसआर फंड से छात्रों को प्रशिक्षण देने की भी मंजूरी प्रदान की गई। बैठक में बताया गया कि प्रथम चरण में 169 स्टार्ट-अप को ट्रेनिंग पार्टनर के रूप में चयनित किया गया है। टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउसिंल द्वारा 5जी स्पेक्ट्रम की ट्रेनिंग कराने के लिये एग्रीमेंट हो चुका है। अभ्यर्थियों के चयन की प्रक्रिया गतिमान है। एचसीएल की तरह इंफोसिस के साथ भी नॉन फाइनेन्सियल एग्रीमेंट प्रस्तावित है। इस एग्रीमेंट के तहत इंफोसिस उन्नति एंड स्प्रिंगबोर्ड प्रोग्राम के अन्तर्गत अभ्यर्थियों को आनलाइन ट्रेनिंग प्रदान करेगा।

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