नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र में सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के मुद्दे पर हंगामा हुआ। कांग्रेस, तृणमूल, माकपा और राजद समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के भाषण का विरोध किया। इसके साथ ही, सदन में गोली मारना बंद करो, देश को तोड़ना बंद करो के नारे लगाए। विपक्ष ने सीएए-एनआरसी पर प्रधानमंत्री मोदी से जवाब की मांग की। इसके बाद जब भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा भाषण दे रहे थे, तो विपक्ष ने विरोध जताते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
बता दें कि अनुराग ठाकुर ने पिछले हफ्ते एक रैली में देशद्रोहियों को गोली मारने के नारे लगवाए थे। इसके बाद से दिल्ली में प्रदर्शन स्थलों के पास फायरिंग की तीन घटनाएं सामने आ चुकी हैं। वर्मा ने शाहीन बाग को लेकर विवादित बयान दिया था। विपक्ष ने राज्यसभा में इन मुद्दों पर तत्काल चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। लोकसभा में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जामिया छात्रों के साथ मारपीट के मुद्दे को उठाया।
उन्होंने कहा कि जामिया में छात्र-छात्राओं के साथ मारपीट हुई। बेटियों को मारा गया, लेकिन सरकार को शर्म नहीं आई। सरकार छात्रों पर अत्याचार कर रही है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सीएए-एनआरसी का विरोध करते हुए कहा कि देश का आम आदमी संविधान बचाने के लिए विरोध कर रहा है। प्रदर्शनकारी संविधान हाथ में लेकर, राष्ट्रगान गाकर इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन उन पर गोलियां चलवाई जा रही हैं।
भारत के लोगों को बेरहमी से मारा जा रहा है। जबकि, ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण में सीएए, एनआरसी और कश्मीर में प्रतिबंधों को शामिल नहीं करने पर सवाल उठाए हैं। पार्टी इसमें संशोधन की मांग कर रही है। तृणमूल सांसदों ने शुक्रवार को संसद (लोकसभा और राज्यसभा) के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान भी प्रदर्शन किया था।
विपक्ष ने संसद द्वारा पारित नागरिकता कानून को असंवैधानिक करार दिया है और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस पर इसी महीने सुनवाई होने वाली है। विपक्षी पार्टियों ने उन मुख्यमंत्रियों से एनपीआर लागू नहीं करने का आग्रह किया है, जो नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि इस दशक का पहला बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को बजट पेश किया। सोमवार से लोकसभा और राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत हुई है।