बिजनौर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यहां गंगा यात्रा का शुभारंभ करते हुए कहा कि विपक्ष ने गंगा सफाई के नाम पर बनी योजना का धन लूट लिया। जितना धन गंगा के नाम पर स्वीकृत हुआ, विपक्ष ने अगर उसका सही उपयोग किया होता तो गंगा का निर्मलीकरण कब का हो गया होता। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरह दिल्ली सरकार भी कर्तव्य का निर्वहन करती तो यमुना भी उतनी निर्मल हो जाती जितनी कानपुर में गंगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजनौर के बैराज गंगा घाट पर गंगा यात्रा का शुभारंभ करते हुई कहा कि मां गंगा आस्था का प्रतीक है, सनातन धर्म मां गंगा को अपनी परम्परा व विरासत का हिस्सा मानता आ रहा है। खराब मौसम के कारण निर्धारित समय से कुछ देर बाद जैसे ही मुख्यमंत्री का हैलीकॉप्टर बैराज गंगा घाट पर उतरा तो हर ओर मोदी-योगी, भाजपा व मां गंगा के जयकारों से सारा वातावरण गूंज गया।
मुख्यमंत्री योगी ने मंत्रोच्चारण के बीच मां गंगा की पूजा की और उसके बाद गंगा यात्रा का शुभारंभ किया। इसके बाद उन्होंने मंच पर पहुंच कर सभा को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मां गंगा का आस्था का प्रतीक के साथ ही सनातन धर्म की परम्परा व विरासत का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक मां गंगा पांच राज्यों से होकर गुजरती है। उत्तर प्रदेश में मां गंगा सबसे ज्यादा, 1025 किलोमीटर की दूरी तय करती है, इसलिए मां गंगा के प्रति सबसे ज्यादा जिम्मेदारी भी उत्तर प्रदेश वासियों की बनती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 के चुनाव में जब वाराणसी गए थे तो उन्होंने कहा था कि मां गंगा ने उन्हें बुलाया है। मां गंगा के आदेश पर वह वहां गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास व सभी के सहयोग से नमामि गंगे सफल हुई और गंगा का जल स्वच्छ व निर्मल हो सका। कई दशकों के बाद पिछले वर्ष प्रयागराज में आयोजित कुंभ में 25 करोड़ लोगों ने गंगा में स्नान किया। जो कि निर्मलता के कारण संभव हो पाया।
योगी ने कहा कि 27 से 31 जनवरी तक चलने वाली यह पांच दिवसीय गंगा यात्रा यूपी के उन दोनों छोर से प्रारंभ की जा रही है, जहां से मां गंगा प्रदेश में प्रवेश करती है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी कार्यक्रम में पहुंचना था लेकिन खराब मौसम आदि के कारण वह खबर लिखे जाने तक तक नहीं पहुंच सके थे।
उन्होंने बताया कि इसीलिए बिजनौर और बलिया से निकल रही दोनों गंगा यात्रा 31 जनवरी को कानपुर मे मिलेंगी क्योंकि कानपुर नमामि गंगे का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु था। मुख्यमंत्री ने गंगा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गंगा से लगे इलाकों की जमीन इतनी उर्वर है कि विश्व की 40 प्रतिशत आबादी का पेट भर सकती है। उन्होंने गंगा किनारे के गांवो के किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बताया कि गंगा किनारे के हर जिले मे एक नर्सरी खुलेगी जिससे किसान खेत की मेड़ पर लगाने के लिए मुफ्त फलदार वृक्ष ले सकेंगे और मार्केटिंग भी सरकार कराएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा किनारे का जो किसान पूरी खेती मे फलदार वृक्ष लगाएगा उसे तीन वर्ष तक फल आने तक हर माह सरकार अनुदान देगी। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे के गांवो में गौ आधारित खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा हर गांव में गंगा मैदान, गंगा तालाब बनेंगे और नगर निकायों मे गंगा पार्क बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने अयोध्या का जिक्र करते हुए कहा कि पांच सौ वर्षों से अटके अयोध्या विवाद का भी अब हल हो गया है। मंदिर का मार्ग प्रशस्त हो गया। उन्होंने पहले कांवड़ यात्रा रोक दिए जाने की बात करते हुए कहा कि अब इस यात्रा के विशेष प्रबंध सरकार करती है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में ढाई-तीन साल मे कोई दंगा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबको अपनी आस्था, परंपरा का पालन करने की आजादी है मगर अराजकता की छूट नहीं है।
कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री संजीव बालियान, मंत्री सुरेश राणा, प्रभारी मंत्री कपिलदेव अग्रवाल, विजय कश्यप मंत्री बाढ़ नियंत्रण, जिलाध्यक्ष सुभाष वाल्मीकि, जिला पंचायत अध्यक्ष साकेंद्र प्रताप, सदर विधायक सुचि चैधरी, चांदपुर विधायक कमलेश सैनी, धामपुर विधायक अशोक राणा, नहटौर ओमकुमार, बढ़ापुर विधायक ठाकुर सुशांत सिंह, अवनि सिंह, ऐश्वर्य मौसम चैधरी, पूर्व सांसद राजा भारतेंद्र सिंह, पूर्व सांसद डा. यशवंत सिंह, सहित हजारों के संख्या में भाजपा नेता कार्यकर्ता व अन्य लोग मौजूद रहे।