तीजोत्सव पर महिलाओं ने बिखेरी सावन की मोहक छटा

अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन माल्यार्पण व पुष्प गुच्छ से किया
लखनऊ। श्री अग्रवाल सभा की ओर से श्रावणी तीजोत्सव मोतीनगर के अग्रवाल शिक्षा संस्थान परिसर के सेठ रामजस हाल में चंदन की खुशबू, बादलों की फुहार, आप सभी को शुभकामनाओं से भरा तीज का त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर आईकॉन हॉस्पिटल की डॉ. प्रीती वत्सल मुख्य अतिथि एवं केजीएमयू की डॉ. स्मृति अग्रवाल बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थी । श्री अग्रवाल सभा के वरिष्ठ कार्यकतार्ओं यतेन्द्र जी एवम मुकेश अग्रवाल ने मुख्य अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन माल्यार्पण व पुष्प गुच्छ से किया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन डॉ प्रीती वत्सल, डॉ. स्मृति अग्रवाल एवं श्री अग्रवाल सभा के अध्यक्ष डॉ. जगदीश चन्द्र अग्रवाल, कोषाध्यक्ष जितेन्द्र अग्रवाल, महामंत्री अनुपम मित्तल, संयोजिका सीमा अग्रवाल, सह संयोजिका अंजू अग्रवाल ने महाराजा अग्रसेन जी की चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन से किया। महामंत्री अनुपम मित्तल ने बताया कि श्रावणी तीजोत्सव पर डुओ डांस (सास-बहू एवं 15 साल से ऊपर की लड़कियों के लिए), स्पॉट अंताक्षरी, तीज सुन्दरी, मस्ती भरे खेल, तंबोला इत्यादि स्पधार्ओं का आयोजन किया गया। इन सभी स्पर्धा में महिलाओं व बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपने अंदर छिपी हुई प्रतिभाओं को उजागर किया। सर्वप्रथम अग्रवाल समाज के नन्हे मुन्ने बच्चों ने गणेश वंदना प्रस्तुत कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरूआत की। अगले क्रम में सावन की हरियाली से परिपूर्ण हरे रंग के वस्त्रों में सजी धजी महिलाओं ने जब झूला लागल कदम की डारी झूले कृष्ण मुरारी ना झूला गीत पर मनभावन नृत्य प्रस्तुत किया तो मानो उमड़ते घुमड़ते काले मेघों के बीच सावन की हरियाली चारो ओर बिखर गई। इस अवसर पर सावन पर आधारित लोकगीतों जैसे कजरी, मेघारे व अन्य गीतों पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। तीज सुंदरी स्पर्धा में रंग-बिरंगे परिधानों में सोलह श्रृगार से सजी महिलाओं ने रेम्प पर केटवॉक कर अपना जलवा बिखेरा। तीज सुंदरी प्रतियोगिता की विजयी महिलाओं को मुख्य अतिथियों ने पुरस्कृत किया। कार्यक्रम सदस्य अंजू अग्रवाल एवम प्रतिभा हवेलिया ने कहा कि यह त्यौहार प्रेम, समर्पण और नारी शक्ति का प्रतीक है। विनीता अग्रवाल एवम सोनिका अग्रवाल ने बताया कि यह उत्सव भगवान शिव और देवी पार्वती के अटूट बंधन को दशार्ता है, और महिलाओं को अपने पति के प्रति प्रेम और भक्ति व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। सावन का महीने में धरती माता प्रकृति की हरियाली की धानी चुनर ओढ़े हमें प्रकृति से जुड़कर उल्लास और उमंग से खुशियां बिखरने की सीख देती है। उत्सव जीवन में बहुत जरूरी होता है। उत्सव जीवन की एकरसता व नीरसता को दूर करता है। सावन मास हमारी संस्कृति और परम्पराओं से हमें जोड़कर नव उत्सव और खुशियां मनाने का अवसर देता है। इस कार्यक्रम में मैरी क्लेयर सालोन, ली प्रेस हजरत गंज द्वारा उपहार भी भेंट किए गए. इस अवसर पर रेनू अग्रवाल, अनीता कंछल, बबीता अग्रवाल, विनीता अग्रवाल, प्रतिभा हवेलिया, रेनू अग्रवाल, सांची बंसल एवं सैकड़ों की संख्या में श्री अग्रवाल सभा की महिला मंडली के सदस्यगण उपस्थित रही।

RELATED ARTICLES

द्वापर के युग के अजेय योद्धा सात्यकि की कहानी दुनिया के सामने आयी

दुष्यंत प्रताप सिंह की पौराणिक कृति सात्यकि द्वापर का अजेय योद्धा का विमोचनलखनऊ। बॉलीवुड के फिल्म निर्देशक एवं लेखक दुष्यंत प्रताप सिंह की पौराणिक...

लखनऊ के सामाजिक जीवन की शान थे गोपाल जी : उदय प्रताप सिंह

वरिष्ठ साहित्यकार व व्यंग्यकार गोपाल चतुर्वेदी का निधनलखनऊ। पत्नी निशा चतुर्वेदी के निधन को अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता था कि बृहस्पतिवार देर...

1857 की गदर पर आधारित होगा बेगम हजरत महल उर्दू ड्रामा

कलाकारों की मौजूदगी में हुआ पोस्टर लांच30 जुलाई को संत गाडगे प्रेक्षागृह मंचित होगा नाटक लखनऊ। अवध की मिट्टी में पैदा हुई एक शेरनी बेगम...