लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों को कमजोर एवं वंचित वर्गों के हितों के प्रति संवेदनशील बनने की हिदायत देते हुए बुधवार को कहा कि तमाम मामलों का निस्तारण पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से किया जाना चाहिये। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने यहां अपने सरकारी आवास पर प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) के वर्ष 2021 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात के दौरान कहा कि पीसीएस अधिकारी प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ हैं।
उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था और विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में इन अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को व्यवस्था के प्रति जवाबदेह होने के साथ ही, गरीब, कमजोर तथा वंचित वर्ग के हितों के प्रति सचेत एवं संवेदनशील होना चाहिए। योगी ने कहा, व्यक्ति तभी असफल होता है, जब वह छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करता है। आपके लिए छोटी सी चीज दूसरे के लिए बड़ी भी हो सकती है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, खेत की पैमाइश आपके लिए छोटी बात हो सकती है, लेकिन जिसका परिवार उस खेत पर आश्रित है, यदि कोई दबंग व्यक्ति उसके खेत पर जबरदस्ती कब्जा करना चाहता है तो वह उस पीडÞित व्यक्ति के लिए बहुत बड़ी घटना होती है। उस स्थिति में खेत की पैमाइश की उसकी मांग उसे तत्काल राहत और न्याय दिला सकती है। राजस्व से जुड़े मामलों को लम्बित न रखा जाए। इससे आम आदमी प्रभावित होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का लाभ जनता तक पहुंचे इसके लिए जरूरी है कि प्रशासनिक अधिकारीगण तमाम विषयों और मुद्दों से भली-भांति परिचित हों। उन्होंने कहा कि पीसीएस अधिकारियों को अपने दायित्वों का भली प्रकार निर्वहन करने के लिए परिश्रमी और तेजी से फैसले लेने में भी सक्षम होना चाहिए। साथ ही मामलों का निस्तारण पारदर्शी तथा समयबद्ध ढंग से किया जाना चाहिए।