लखनऊ। प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत सहगल ने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रत्येक जिलें में ओडीओपी क्लस्टर स्थापित कराये जायेंगे। आटिंर्जेंस तथा मैन्यूफैक्चरर्स ही इसके सदस्य होंगे।
डॉ. सहगल मंगलवार को लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में क्लस्टर विकास योजना अन्तर्गत स्वीकृत सामान्य सुविधा केन्द्रों के निर्माण और क्रियान्वयन संबंधी कार्यों की गहन समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने निर्देश दिए कि क्लस्टर योजना को गति प्रदान करने के लिए उद्योग निदेशालय स्तर पर नियमित रूप से मानिटरिंग की जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन जिलों में केन्द्र सरकार के सहयोग से क्लस्टर के निर्माण का कार्य हो रहा है, उन्हें समयबद्ध पूरा किया जायए ताकि उद्यमियों और हस्तशिल्पियों को इसका लाभ समय से उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत क्लस्टरों के निर्माण के कार्य को तीव्र गति पूरा किया जाये। केन्द्र सरकार भी ओडीओपी योजना को बढ़ावा देने में विशेष रूचि प्रदर्शित कर रही है। इसलिए आवश्यक है कि इस योजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये। साथ ही केन्द्र सरकार से अवशेष धनराशि समय से प्राप्त करने के ठोस कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
प्रमुख सचिव ने भारत सरकार के सहयोग से शुरू हो चुके सीएफसी की विस्तार से समीक्षा करते हुए कहा कि भदोही में आधुनिक कारपेट, उन्नाव में जरी-जरदोजी, बरेली में रेडीमेड गारमेंट, वाराणसी में ग्लास बीड्स और अत्याधुनिक सिल्क विविंग तथा सोनभद्र में कालीन एवं दरी के क्लस्टर स्थापित किये गये हैं। जिनका इस क्षेत्र के उद्यमी और हस्तशिल्पी भरपूर लाभ ले रहें हैं। उन्होंने कहा कहा कि इन क्लस्टरों की स्थापना से प्रदेश उद्योगों को जहां नई गति मिल रही है, वहीं उद्यमियों को बेहतर बाजार भी सुलभ हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आगरा, मेरठ और फिरोजबाद में अवस्थापना विकास परियोजनाओं का उच्चीकरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उच्चीकरण के कार्य को और तेजी से समयबद्ध पूरा किया जाये। डॉ. सहगल ने कहा कि चन्दौसी में चर्म, सहारनपुर में फुटवेयर, संतकबीर नगर में पीतल तथा गोरखपुर में टेराकोटा पाटरी क्लस्टर के प्रस्तावों को सैद्धांतिक मिल गई। इनके सुचारू रूप से संचालन के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही शीघ्र पूरा करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रदेश 13 और जिलों में ओडीओपी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए क्लस्टर स्थापित किये जायेंगे। इसके प्रस्तावों को मूर्त रूप देने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। उन्होंने निर्देश दिये कि डीपीआर को अंतिम रूप देने के लिए आगामी 20 दिसम्बर को बैठक आहूत की जाये। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि इस बैठक में सामान्य सुविधा केन्द्र से जुड़े उद्यमियों और हस्तशिपियों को आमंत्रित किया जाये ताकि बैठक में ही डीपीआर को अंतिम रूप दे दिया जाये। उन्होंने बताया कि जिन सीएफसी के लिए डीपीआर प्राप्त हुए ह, उनमें बदायूं, बरेली, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, झांसी (दो क्लस्टर), बाराबंकी, कासगंज, गाजीपुर, चन्दौली, जौनपुर तथा आजमगढ़ आदि शामिल हैं।