प्रदेश में बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या बढ़ कर 875 हुई

  • गंगा, शारदा व घाघरा का प्रकोप जारी

  • राहत के लिए लगायी गयी नौकाएं क्षतिग्रस्त न हों : मुख्यमंत्री

  • जलजनित बिमारियों के इलाज के लिए हों पर्याप्त दवाएं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मौजूदा समय में प्रदेश के 16 जिलों के 875 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ प्रभावित जिलों में आंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, पीलीभीत, संतकबीरनगर, और सीतापुर शामिल हैं।

केंद्रीय जल आयोग की गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार गंगा कचला ब्रिज (बदायूं) में खतरे के निशान से ऊपर चली गयी है, जबकि नरोरा (बुलंदशहर), फतेहगढ़, गुमटिया (कन्नौज) और अंकिंघाट (कानपुर देहात) में नदी का जल स्तर चेतावनी और खतरे के निशान के बीच है। रामगंगा नदी डबरी (शाहजहांपुर) में चेतावनी के स्तर और लाल निशान के बीच बह रही है।

लखीमपुर खीरी में शारदा का प्रकोप बढ़ता चला जा रहा है। शारदा जो पहले से ही पलियाकला में खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी अब उसने शारदा नगर को भी चपेट में ले लिया है। पलियाकला में नदी का स्तर खतरे के निशान से लगभग आधा मीटर ऊपर है। घाघरा का कहर एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में लगातार बना हुआ है। तुर्तीपार में नदी का स्तर लाल निशान से लगभग एक मीटर ऊपर है। इन तीन प्रमुख नदियों के अलावा राप्ती बलरामपुर और गंडक खड्डा (कुशीनगर) में चेतावनी स्तर और खतरे के निशान के बीच बह रही हैं।

इसी बीच प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत पहुंचने के लिए लगाई गई नौकाएं कही से भी क्षतिग्रस्त न हो और नौवहन के लिए पूर्णतया सुरक्षित हो। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि नौका परिचालन के समय उसकी क्षमता से अधिक व्यक्ति व सामान का वहन उससे न किया जा रहा हो। नौकाओं का परिचालन अनुभवी नाविकों से कराये जाने के निर्देश दिये हैं।

गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि प्रदूषित जलजनित व वेक्टर (मक्खी, मच्छर) जनित रोगों की रोकथाम के लिए ज़रूरी कार्यवाही किया जाये और इन बिमारियों के इलाज के लिए समुचित औषधियों का पर्याप्त स्टाक भी सुनिश्चित किया जाये। कैंप में रह रहे वृद्धों, महिलाओं और बच्चों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सुविधाएं व सामग्री उपलब्ध करायी जाये और सैनिटेशन व हाईजीन का विशेष ध्यान रखा जाये।

राहत आयुक्त ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश में मौजूदा समय में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में लगातार मॉनिटरिंग का काम किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के तहत 1,00,009 राशन किट और 2,27,496 मीटर तिरपाल बांटा जा चुका है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 296 मेडिकल टीम लगायी गयी है।

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