प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 846 हुई

पीलीभीत, हाथरस, महराजगंज में कोरोना का अब एक भी एक्टिव केस नहीं

लगातार बढ़ रही हैं नमूने की संख्या और टेस्टिंग की क्षमता

पीपीई किट खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप तथ्यहीन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का प्रकोप रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को प्रदेश 49 जिलों मे कोरोना संक्रमण के 41 नए मामले सामने आये हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 49 जिलों से कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ कर 846 हो गयी है।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुजमर अवनीश कुमार अवस्थी के साथ संयुक्त प्रेससवार्ता में प्रसाद ने बताया कि अब तक कुल 74 लोगों का इलाज करके डिस्चार्ज किया जा चुका है। प्रदेश के तीन जिलों पीलीभीत, हाथरस और महराजगंज में अब कोरोना संक्रमण का मौजूदा समय में एक भी एक्टिव केस नहीं हैं। लेकिन फिर भी निर्देश दिए गए हैं कि ढिलाई न बरती जाये और सैंपलिंग के साथ लगातार निगरानी भी बनाये रखी जाये। यह कवायद इसलिए की जा रही है कि फिर से संक्रमण न फैलने पाए।
प्रमुख सचिव ने बताया कि नमूनों की जांच और टेस्टिंग लगातार बढ़ाई जा रही है।

गुरुवार को परीक्षण के लिए 3200 नमूने भेजे गए थे, जबकि 2962 की जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अब तक 23,393 लोगों का टेस्ट किया गया जिसमें से 22,547 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 993 लोगों को आइसोलेशन में तथा 10714 लोगों को फैसिलिटी क्वारेंटाइन में रखा गया है। लखनऊ, गोण्डा, बरेली, हरदोई, शाहजहांपुर, पीलीभीत एवं आगरा में 58 पूल बनाकर 290 सैंपलों की पूल टेस्टिंग की गयी। इसमें से 55 पॉजिटिव और सिर्फ तीन नेगेटिव आये हैं। नेगेटिव रिपोर्ट वाले सैंपल लखनऊ, गोंडा और पीलीभीत के हैं। अब ऐसे सारे सैंपलों को अलग करके उनकी अलग से जांच कराई जाएगी।

इस क्रम में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि पहले चरण में 179 हॉट स्पॉट चिन्हित करके कार्यवाही की गई है। अब तक 1,81,993 मकान चिन्हित करते हुए 11,05,180 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है। दूसरे चरण में 93 हॉट स्पॉट चिन्हित करके कार्यवाही की गई है। अब तक 2,16,400 मकान चिन्हित करते हुए 12,88,340 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है। तीसरे चरण में 07 हॉट स्पॉट चिन्हित करके कार्यवाही की गई है। अब तक 4009 मकान चिन्हित करते हुए 20,692 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है।

प्रसाद ने कोरोना मरीजों की जांच और इलाज में लगे मेडिकल स्टाफ को दी जा रही पीपीई किट में लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने बताया कि यह किट पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में खरीदी गयीं थी और डॉक्टरों के पैनल ने परीक्षण के बाद इनको अनुमोदित किया था। उस समय एक किट मात्र 115 रुपए के हिसाब से खरीदी गयी थीं, जबकि आज के हालात में जो किट आ रही हैं उनकी कीमत 1086 पार्टी पीस पड़ रही है।

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