कानपुर/दिल्ली/लखनऊ। कुख्यात अपराधी एवं कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के भौती इलाके में कथित पुलिस मुठभेड़ मे मारा गया। पुलिस के अनुसार उज्जैन से कानपुर लाते समय हुए सड़क हादसे में एक पुलिस वाहन के पलटने के बाद दुबे ने भागने का प्रयास किया।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार का बयान
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया, मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने के मामले में मुख्य आरोपी विकास दुबे को उज्जैन मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफतार किए जाने के बाद उप्र पुलिस और एसटीएफ की टीम शुक्रवार सुबह उसे कानपुर नगर लेकर आ रही थी। कानपुर नगर भौती के पास प्रात: करीब साढ़े छह बजे पुलिस का उक्त वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गया, जिससे उसमें बैठे अभियुक्त और पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान अभियुक्त विकास दुबे ने घायल पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की।
वहीं, पुलिस टीम द्वारा पीछा कर उसे घेर कर आत्मसर्मपण करने के लिए कहा गया, लेकिन जान से मारने की नियत से वह पुलिस टीम पर फायर करने लगा। पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की गई। विकास दुबे घायल हो गया, जिसे तत्काल ही अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इस पूरे प्रकरण में पुलिस के चार लोग घायल हैं जिसमें तीन सब इंस्पेक्टर व एक कांस्टेबल हैं तथा एसटीएफ के दो कमांडो को भी गंभीर चोटें आई हैं।
उन्होंने बताया कि बिकरू पुलिस मुठभेड़ में कुल 21 अभियुक्त नामजद हैं जिसमें से तीन लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, छह अभियुक्त मारे जा चुके हैं और अब भी 12 इनामी बदमाश वांछित हैं। पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि सड़क हादसे के बाद दुबे ने मौके से भागने का प्रयास किया, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में वह मारा गया। वहीं, पुलिस वाहन पलटने से पुलिस निरीक्षक सहित चार पुलिसकर्मी घायल भी हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है।
कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी का बयान
कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया कि सड़क दुर्घटना सुबह हई। उन्होंने कहा तेज बारिश हो रही थी। पुलिस ने गाड़ी तेज भगाने की कोशिश की जिससे वह डिवाइडर से टकराकर पलट गई और उसमें बैठे पुलिसकर्मी घायल हो गए। उसी मौके का फायदा उठाकर दुबे ने पुलिस के एक जवान की पिस्तौल छीनकर भागने की कोशिश की और कुछ दूर भाग भी गया।
कुमार ने कहा, तभी पीछे से एस्कार्ट कर रहे एसटीएफ के जवानों ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की और उसी दौरान उसने एसटीएफ पर गोली चला दी जिसके जवाब में जवानों ने भी गोली चलाई और वह घायल होकर गिर पड़ा। हमारे जवान उसे अस्पताल लेकर गए जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस बीच, पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया कि सड़क दुर्घटना कानपुर के भौती इलाके में हुई।
कानपुर परिक्षेत्र के एडीजी जे. एन. सिंह का बयान
कानपुर परिक्षेत्र के एडीजी जे. एन. सिंह ने बताया, मुठभेड़ में दुबे घायल हो गया जिसके बाद उसे हैलट अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इस बीच गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) के कार्यवाहक प्राचार्य डा आर बी कमल ने संवाददाताओं को बताया कि दुबे को अस्पताल में पूरी तरह से मृत अवस्था में लाया गया था। उन्होंने कहा कि दुबे के शरीर पर चार घाव दिखे, जिनमें से तीन सीने पर और एक हाथ में थे। हालांकि, इसके बारे में बाकी जानकारी पोस्टमार्टम होने के बाद पता चलेगी। हैलट अस्पताल जीएसवीएम का हिस्सा है।
दूबे की कोरोना रिपोर्ट आई निगेटिव
कमल ने बताया कि दुबे का कोरोना टेस्ट भी करवाया गया और उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्होंने बताया कि इसके बाद दुबे का शव पोस्टमार्टम के लिए पुलिस को सौंप दिया गया। सिंह ने कहा कि विस्तृत जानकारी के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट को इंतजार है। वहीं, अग्रवाल ने बताया कि गाड़ी पलटने से घायल पुलिस कर्मियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र कल्याणपुर में भर्ती कराया गया है।
गाड़ी पलटने पर घायल हुए अन्य कॉन्स्टेबल
उन्होंने बताया कि गाड़ी पलटने से विकास दुबे के साथ वाहन में सवार नवाबगंज के पुलिस निरीक्षक रमाकांत पचूरी और कॉन्स्टेबल पंकज सिंह, अनूप कुमार तथा प्रदीप घायल हो गए। मौके का फायदा उठाकर दुबे पचूरी की पिस्तौल छीनकर भाग गया, लेकिन मुठभेड़ में घायल हो गया और फिर अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अग्रवाल ने बताया कि घायल हुए पुलिसकर्मियों में से एक की हालत गंभीर है और उसे हैलट अस्पताल भेजा जा रहा है।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में किया गया था गिरफतार
बता दें, विकास दुबे को गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफतार किया गया था। गौरतलब है कि दो तीन जुलाई की दरमियानी रात कानपुर के चौबेपुर इलाके के बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने गए पुलिस दल पर दुबे और उसके साथियों ने गोलियां बरसाई थीं, जिसमें एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे।
गौरतलब है कि बिकरू कांड के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ हुई अलग-अलग मुठभेड़ों में दुबे के गिरोह के पांच सदस्य मारे गए हैं। तीन जुलाई की सुबह ही बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ में प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे मारे गए थे। आठ जुलाई को हमीरपुर के मौदहा में पुलिस ने 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश और विकास के खास अमर दुबे को मार गिराया था। वहीं नौ जुलाई को कानपुर मुठभेड़ में कार्तिकेय उर्फ प्रभात जबकि इटावा मुठभेड़ में प्रवीण उर्फ बउवा दुबे मारा गया।