- रास्ते बंद नहीं हुए, सचिन को वापस घर लौटने की कांग्रेस ने दी सलाह
नयी दिल्ली-जयपुर। कांग्रेस ने विधायक दल की हालिया बैठकों से गायब रहने के लिए राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग की है। इसके साथ ही, पार्टी ने फिर कहा कि पायलट और दूसरे बागी विधायकों के लिए दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के बागी नेता पायलट का नाम लिये बिना बुधवार को दावा किया कि वह सीधे तौर पर भाजपा के साथ विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे।
इसके पहले, पायलट ने बुधवार सुबह कहा कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान में कुछ नेता उनके भाजपा में जाने की अफवाहों को हवा दे रहे हैं, ताकि उनकी छवि धूमिल की जा सके। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने 19 विधायकों को नोटिस भेजे जाने की पुष्टि कही है। इन विधायकों को शुक्रवार तक नोटिस का जवाब देना है।
बागी विधायक पार्टी में वापस आ सकते हैं
इस बीच, कांग्रेस ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि बागी विधायक पार्टी में वापस आ सकते हैं। कांग्रेस महासचिव एवं राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे ने ट्वीट किया कि पायलट के लिए पार्टी के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं, भगवान उनको सद्बुद्धि दे और उन्हें उनकी गलती समझ आए। मेरी प्रार्थना है भाजपा के मायावी जाल से वो बाहर निकल आए। उधर, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर वह भाजपा में नहीं जाना चाहते तो हरियाणा में भाजपा सरकार का आतिथ्य त्याग दें और वापस अपने घर जयपुर लौट आएं।
मुख्यमंत्री गहलोत ने पहली बार पायलट पर तीखा हमला बोला
इसके साथ ही कांग्रेस की ओर से पायलट को याद दिलाया गया है कि नेता के रूप में उन्हें जितना प्रोत्साहन पार्टी ने दिया वैसा कांग्रेस या भाजपा में शायद ही किसी नेता को मिला हो। बता दें कि पिछले कई दिनों से चले आ रही सियासी उठापठक के बीच मुख्यमंत्री गहलोत ने पहली बार पायलट पर बिना नाम लिए तीखा हमला बोला। गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि सफाई कौन दे रहे थे। सफाई वही नेता दे रहे थे जो खुद षड्यंत्र में शामिल थे, षड्यंत्र का हिस्सा थे।
हमारे यहां पर उपमुख्यमंत्री हो, पीसीसी अध्यक्ष हो, वह खुद ही अगर डील करें… वे सफाई दे रहे है कि हमारे यहां कोई हार्स ट्रेडिंग नहीं हो रही थी.. अरे तुम तो खुद षड्यंत्र में शामिल थे। उन्होंने कहा कि अच्छी अंग्रेजी बोलना या बाइट देना ही सब कुछ नहीं है। उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट और उनके समर्थक माने जा रहे 19 विधायक सोमवार और मंगलवार को यहां हुई विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
लिखित जवाब तीन दिन में विस अध्यक्ष के समक्ष पेश करें विधायक
पार्टी ने कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में शामिल होने के आरोप में पायलट तथा दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंगलवार को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया था। सूत्रों के अनुसार विधायकों को ये नोटिस भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191 और सपठित 10वीं अनुसूची तथा राजस्थान विधानसभा (दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता) नियम 1989 के प्रावधान के तहत जारी किए गए हैं। विधायकों से कहा गया है कि वे अपने लिखित जवाब तीन दिन में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश करें।
इन याचिकाओं को 17 जुलाई को दोपहर एक बजे विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में विधानसभा अध्यक्ष के सामने रखा जाएगा। नोटिस में कहा गया है कि विधायक अगर लिखित टिप्पणी या जवाब नहीं देते हैं तो सम्बद्ध याचिका पर एक पक्षीय सुनवाई कर उसका निस्तारण कर दिया जाएगा। विधायकों को जारी नोटिस उनके निवास के बाहर भी चस्पा किए गए हैं और इनमें से कई नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।





