वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। राजधानी में डेंगू के मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है। सोमवार को 36 और लोगों की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। जनवरी से अब तक शहर में करीब एक हजार लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।
डेंगू के बढ़ते डंक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते दो माह में 700 से अधिक लोग डेंगू ग्रसित हुए। इनमें अधिकतर मरीज अलीगंज, गोमतीनगर, इंदिरानगर व आलमबाग क्षेत्रों के हैं। सोमवार को आयी रिपोर्ट के अनुसार इन्दिरानगर व चिनहट में 5-5 अलीगंज व एनके रोड में 4-4, सरोजनीनगर, रेडक्रास व मलिहाबाद में 3-3, चन्दरनगर, मलिहाबाद, सिल्वर जुबली व टूडियागंज में 2-2 और मोहनलालगंज में 1 डेंगू का मरीज मिला।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 1253 घरों एवं आस-पास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया गया और मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर 6 लोगों को नोटिस जारी किया गया। स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की संयुक्त टीमों ने शहर के हाथी खाना प्राथमिक विद्यालय अमीनाबाद, एसकेडी स्कूल, पल्टन छावनी, विराट खण्ड चैराहा, अनौरा गॉव अमौसी स्टेशन, सेवा सदन पीएचसी, सुरेन्द्र नगर निगम डिग्री कालेज के पास, शनि देव मन्दिर पराग मार्ग के आस-पास लार्वा रोधी रसायन एवं फागिंग का कार्य कराया।
वहीं मोहनलालगंज के सिसेंडी गांव में कई लोग डेंगू जैसे लक्षण वाले बुखार से पीड़ित हैं। गांव की हर गली हर मोहल्ले में बुखार के मरीज हैं। रविवार को यहां बुखार पीड़ित महिला की मौत हो गयी।
लोगों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर इलाज के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। मजबूरीवश लोग निजी अस्पतालों में इलाज कराने को विवश है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज अग्रवाल का कहना है कि स्थिति काबू में हैं। डेंगू को लेकर घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने जरूरत है। उन्होंने सलाह दी कि डेंगू से बचने के लिएप् पूरी बांह के कपडे पहनें। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाएं न खाएं।
बुखार होने पर सरकारी अस्पतालों में जाकर डॉक्टर से परामर्श लेकर दवा लें, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में इलाज व जांच फ्री है। सभी सरकार अस्पतालों में डेंगू के इलाज और जांच की सुविधा है।