नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा की उस याचिका पर गुरुवार को तिहाड़ जेल के अधिकारियों से जवाब मांगा जिसमें उसने अपनी तथाकथित मानसिक बीमारी, शिजोफ्रेनिया और सिर तथा हाथ की चोट के बेहतर उपचार का आग्रह किया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे शनिवार को दोषी की याचिका पर अपना जवाब प्रस्तुत करें। जेल अधिकारियों के अनुसार विनय ने जेल की अपनी कोठरी में दीवार में सिर मारकर खुद को घायल कर लिया। यह घटना जेल नंबर तीन में रविवार को दोपहर बाद हुई। इसमें उसे मामूली चोट आई और जेल के भीतर उसका इलाज किया गया।
सुनवाई के दौरान अभियोजन ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह विचार योग्य नहीं है। विनय के वकील ने अदालत को बताया कि दोषी अपनी मां सहित अन्य लोगों को नहीं पहचान पा रहा है। याचिका में दावा किया गया है कि विनय के वकील जब उसके परिवार के सदस्यों के आग्रह पर उससे मिलने जेले पहुंचे तो उन्होंने पाया कि दोषी के सिर में गहरी चोट लगी थी, हड्डी टूटने की वजह से उसके हाथ पर प्लास्टर चढ़ा था और वह पागलपन, मानसिक बीमारी तथा शिजोफ्रेनिया से पीड़ित था।
इसमें यह भी दावा किया गया है कि विनय लंबे समय से ठीक से नहीं सोया है और दवाओं पर निर्भरता की वजह से उसे वरिष्ठ मनोचिकित्सक के पास भेजा गया था। अदालत ने 17 फरवरी को चारों दोषियों-मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय और अक्षय कुमार की मौत की सजा पर अमल के लिए नया वारंट जारी कर उन्हें तीन मार्च को सुबह छह बजे मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने का निर्देश दिया था। यह तीसरी बार है जब चारों दोषियों की मौत की सजा पर अमल के लिए यह वारंट जारी किया गया है।