नई दिल्ली। ब्रिटेन से भारत लौटे छह लोगों के नमूनों में सार्स-सीओवी2 का नया स्वरूप (स्ट्रेन) पाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं स्नायु विज्ञान अस्पताल (निमहांस) में जांच के लिए आए तीन नमूनों, हैदराबाद स्थित कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) में दो नमूनों और पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) में एक नमूने में वायरस का नया स्वरूप पाया गया।
मंत्रालय ने बताया कि राज्य सरकारों ने इन सभी लोगों को चिह्नित स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में अलग पृथक-वास कक्षों में रखा है और उनके संपर्क में आए लोगों को भी पृथक-वास में रखा गया है। उसने बताया कि इन लोगों के साथ यात्रा करने वाले लोगों, उनके परिवार के सदस्यों और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। अन्य नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया जा रहा है।
मंत्रालय ने कहा, हालात पर निकटता से नजर रखी जा रही है और सतर्कता बढ़ाने, संक्रमण को रोकने, जांच बढ़ाने और नमूनों को आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में भेजने के लिए राज्यों को नियमित सलाह दी जा रही है। सबसे पहले ब्रिटेन में मिला वायरस का नया स्वरूप डेनमार्क, हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में भी पाया गया है।
मंत्रालय ने बताया कि 25 नवंबर से 23 दिसंबर की आधी रात तक ब्रिटेन से आए करीब 33,000 यात्री विभिन्न भारतीय हवाईअड्डों पर उतरे। इन सभी मरीजों पर नजर रखी जा रही है और राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन उनका आरटी-पीसीआर जांच कर रहे हैं। उनमें से अब तक 114 लोग संक्रमित पाए गए हैं।
सभी संक्रमित नमूनों को जीनोम अनुक्रमण के लिए 10 आईएनएसएसीओजी (एनआईबीएमजी कोलकाता, आईएलएस भुवनेश्वर, एनआईवी पुणे, सीसीएस पुणे, सीसीएमबी हैदराबाद, सीडीएफडी हैदराबाद, इनस्टेम बेंगलुरु, निमहांस बेंगलुरु, आईजीआईबी दिल्ली, एनसीडीसी दिल्ली) की प्रयोगशालाओं में भेजा गया है।
मंत्रालय ने कहा, ब्रिटेन से लौटे छह मरीजों के नमूनों में कोरोना वायरस का नया स्वरूप पाया गया है। भारत सरकार ने ब्रिटेन में पाए गए वायरस के नए स्वरूप के मामलों का संज्ञान लिया और इसका पता लगाने के लिए अग्र सक्रिय एवं निवारक रणनीति अपनाई। ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों को 23 दिसंबर 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया है और ब्रिटेन से हाल में लौटे यात्रियों की अनिवार्य रूप से जांच की जा रही है।