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आवास विकास परिषद बोर्ड ने दी मंजूरी
लखनऊ। श्री राम की नगरी अयोध्या में 1194 एकड़ में नयी अयोध्या बसायी जायेगी। नई अयोध्या को विश्व की सांस्कृतिक एवं धार्मिक धरोहरों के केंद्र के रूप में भी स्थापित करने की योजना है। आवास विकास ने इसे पौराणिक, सांस्कृतिक आस्था के केंद्र के साथ भविष्य में बढ़ने वाली जनसंख्या को ध्यान में रखकर तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद को दी गयी है। नयी आवासीय योजना व अयोध्या शहर के समग्र विकास के लिए आर्किटेक्ट/कंसल्टेंट का चयन पहले ही किया जा चुका है।
प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को आवास विकास परिषद की 251वीं बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गयी। बैठक में शहरी प्रवासियों के लिए लखनऊ की इंदिरा नगर कालोनी तथा अवध विहार योजना में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम के तहत फ्लैट बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी है। इनका किराया 4000 रुपये होगा। बैठक में मोहनलालगंज में नई जेल रोड के पास नयी आवासीय योजना के लिए किसानों की सहमति से जमीन का अधिग्रहण होगा। इन निर्णयों के अलावा बोर्ड ने तीन सेवानिृवत्त इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला भी किया है।
इन इंजीनियरों पर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कार्य करने तथा अन्य अनियमितताओं के आरोप हैं। बैठक में आवास आयुक्त अजय चौहान, अपर आवास आयुक्त एवं सचिव डॉ नीरजा शुक्ला उपस्थित रहे। परिषद की महत्वाकांक्षी योजना अयोध्या भूमि विकास गृह स्थान एवं बाजार योजना की आवासीय योजना के सुचारु संचालन के लिए बैंकों से लोन भी लिया जाएगा। इसके लिए बोर्ड ने सहमति दे दी है। नई अयोध्या की डिजाइन धनुष के आकार की होगी। इसे धनुषाकार यानी करमुखा पद्धति से डिजाइन किया गया है।
कई विशेषज्ञ इंजीनियरों व वास्तुविदों ने मिलकर इसे तैयार किया है। इससे न सिर्फ अयोध्या बेहद खूबसूरत दिखेगी बल्कि राम मंदिर की छठा में भी चार चांद लग जाएंगे। सड़कें ऐसी दिखेंगी जैसे मंदिर से सूर्य की किरणें निकल रही हों। राम मंदिर से नई अयोध्या की दूरी चार किलोमीटर है खास बात यह है कि यह भगवान राम की प्रतिमा के नजदीक से लेकर नई अयोध्या के आखिरी छोर तक सड़कें सूर्य की किरणों की भांति ही नजर आएंगी। आवास विकास परिषद के इंजीनियरों, वास्तुविदों ने इसके लिए कुछ बड़े आर्किटेक्टों की मदद ली है।
देश विदेश के कई धार्मिक शहरों का अध्ययन किया। अयोध्या में नई कॉलोनी का लेआउट तैयार हो गया है। नव्य अयोध्या योजना में मांझा तिहुरा, मांझा बरहेटा व मांझा शाहनवाजपुर की 1193.99 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की जाएगी। इसमें बाउंड्रीवाल व आबादी की भूमि को छोड़कर 1153 एकड़ में योजना के तहत भव्य उपनगर बसाया जाएगा। आवास विकास ने योजना की मंजूरी के साथ ही भूमि अधिग्रहण के लिए धारा-28 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। आयुक्त आवास अजय चौहान ने बताया कि नव्य अयोध्या योजना को परिचालन के माध्यम से मंजूरी मिल गई थी।
निदेशक मंडल की बैठक में इसकी पुष्टि की गयी है। नव्य अयोध्या योजना के प्रस्तावित स्वरूप में पौराणिक थीम पर आधारित नगरी बसाई जाएगी। इसमें 30 मीटर चौड़े रास्ते व बड़े हिस्से पर हरियाली होगी। पांच फाइव स्टार व 25 थ्री स्टार होटल होंगे। 25 राज्यों व पांच देशों के अतिथि गृह के साथ ही शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल व पेट्रोल पंप होंगे। विभिन्न मठ-मंदिरों व ट्रस्ट की धर्मशालाएं होंगी।