प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने डॉक्टर कफील खान की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत मंगलवार को रद्द कर दी और उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा किए जाने का आदेश पारित किया। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की पीठ ने डॉक्टर कफील की मां नुजहत परवीन की याचिका पर यह आदेश पारित किया।
नुजहत परवीन ने डॉक्टर कफील की रिहाई की मांग की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि डॉक्टर कफील को फरवरी में एक सक्षम अदालत द्वारा जमानत दे दी गई और उन्हें रिहा किया जाना था। हालांकि उन्हें चार दिन तक रिहा नहीं किया गया और बाद में उन पर रासुका लगा दिया गया। इसलिए उनकी हिरासत अवैध थी। हिरासत का आदेश रद्द करते हुए अदालत ने कहा, इस मामले में हमने पाया कि कारण संबंधी कड़ी गायब है या पूरी तरह से टूटी हुई है। वास्तव में हिरासत में लेने वाले अधिकारियों ने समर्थन वाले तथ्यों के बगैर ही आशंका जाहिर कर दी है जिसका कोई आधार नहीं है।