अपडेट होगा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, मोदी कैबिनेट ने मंजूर किये 3941 करोड़

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को कई योजनाओं को मंजूरी दी गई। बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर), अटल जल व अटल टनल योजना को भी स्वीकृति दी गई। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एनपीआर में अपडेट के लिए धन आवंटन के प्रस्ताव पर मोदी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। 2021 में भारत की जनगणना के लिए कैबिनेट ने 8,754.23 करोड़ रुपये का बजट तय किया है और एनपीआर के अपडेशन के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है।

एनपीआर के तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना एनपीआर का मुख्य लक्ष्य है। इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक जानकारी भी होगी। एनपीआर अपडेट करने की प्रक्रिया अगले साल पहली अप्रैल से शुरू होने वाली है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने 2021 में भारत की जनगणना करने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर ) को अपडेट करने की मंजूरी दे दी है।

यह खुद के द्वारा दी गई घोषणा होगी (सेल्फ डिक्लेरेशन)। इसके लिए कोई दस्तावेज, बायोमीट्रिक आदि की आवश्यकता नहीं होगी। जावड़ेकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में चिन्हित क्षेत्रों में पांच वर्षों की अवधि के लिए 6000 करोड़ रुपये के कुल खर्च के साथ अटल भूजल योजना (अटल जल) को भी मंजूरी दे दी है। इसके दायरे में 8350 गांव आयेंगे। उन्होंने बताया कि यह 6000 करोड़ रुपये की इस योजना के लिये 3000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार तथा 3000 करोड़ रुपये विश्व बैंक देगा।

उन्होंने कहा कि इसके तहत पानी के प्रभावी उपयोग, जल सुरक्षा तथा उपयुक्त जल बजट पर जोर दिया जायेगा। इसका लक्ष्य अत्यधिक भूजल के दोहन वाले सात राज्यों में सामुदायिक हिस्सेदारी के साथ टिकाऊ भूजल प्रबंधन करना है। वित्त व्यय समिति पहले ही अटल भूजल योजना के प्रस्ताव की अनुशंसा कर चुकी है। गौरतलब है कि नीति आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि लगातार घट रहा भूजल स्तर वर्ष 2030 तक देश में सबसे बड़े संकट के रूप में उभरेगा। केंद्रीय भूजल बोर्ड तथा राज्य भूजल विभागों के आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल मूल्यांकित 6584 इकाई (ब्लॉक/ तालुका / मंडल) में से 1034 इकाइयों को अत्यधिक दोहन की गयी इकाइयों की श्रेणी में रखा गया है। सामान्यत: इन्हें डार्क जोन (जल संकट की स्थिति) कहा जाता है। उन्होंने बताया कि अटल टनल, मनाली से लेह तक की कल्पना अटल जी के समय 2003 में कल्पना हुई थी। इसका 80 फीसद काम पूरा हुआ। इससे हिमालय के पर्यावरण पर भी असर होगा। 4000 करोड़ रुपए मंजूर किए गए। 10000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित यह दुनिया की पहली टनल होगी। बुधवार को अटल भूजल और अटल टनल योजनाओं को लॉन्च किया जायेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वदेश दर्शन योजना में 2018-19 के दौरान स्वीकृत 10 परियोजनाओं के लिए 627.40 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी दी है। 2019-20 के दौरान समाचार परियोजनाओं (न्यूज प्रोजेक्ट) के लिए अतिरिक्त 1854.67 करोड़ रुपये को मंजूरी दी है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड) में नए संशोधन संबंधी अध्यादेश की मंजूरी दी है।

सरकार ने 12 दिसंबर को संहिता में संशोधन के लिए विधेयक लोकसभा में पेश किया था। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने संहिता में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। लोकसभा में पेश विधेयक का मकसद अड़चनों को दूर करना और कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया को सुसंगत बनाना है। इसमें सफल बोलीदाताओं को संबंधित कंपनियों के पूर्व प्रवर्तकों द्वारा किए गए किसी अपराध में आपराधिक प्रक्रियाओं से सुरक्षा मिलेगी।

मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे के संगठनात्मक पुनर्गठन को मंजूरी दी है।

इसके तहत रेलवे की मौजूदा समूह ए की आठ सेवाओं को भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) नामक एक केंद्रीय सेवा में पुनर्गठित किया जाएगा। अभी तक देश में चल रहे रेलवे से जुड़े अलग-अलग कैडर को खत्म करके एक कैडर बनाया जाएगा। भारतीय रेलवे में अभियांत्रिकी, यातायात, यांत्रिक और विद्युत सहित विभिन्न विभागों के लिए मौजूदा आठ सेवाओं की जगह अब केवल एक भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा होगा। पीयूष गोयल के नेतृत्व में रेल मंत्रालय कई इस तरह के फैसले ले रहा है, जिससे बदलाव हो। इंफ्रास्ट्रक्चर और यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए अब निजी क्षेत्र के साथ भी भागीदारी की जा रही है। तेजस एक्सप्रेस के बाद रेलवे अब 150 रूट्स पर निजी ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है। वहीं, कैबिनेट ने मणिपुर को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) 2019 से बाहर रखने का प्रस्ताव पास कर दिया।

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