लखनऊ। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बुधवार को कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत चल रही योजनाओं को समयबद्ध और निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाये और बेहतर पर्यवेक्षण के लिए निर्माणाधीन परियोजनाओं की माहवार भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समय-सारिणी निर्धारित की जाये। वे राज्य गंगा समिति एवं गवर्निंग काउंसिल की सातवीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि मौजूदा समय में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 10078.25 करोड़ की सीवरेज से जुडी 44 योजनाएं स्वीकृत हैं, इनमें से 16 योजनाओं का काम पूरा हो चुका है और 21 योजनाओं का कार्य प्रगति पर है। 07 योजनाएं निविदा प्रक्रिया में हैं। उन्होंने बताया कि 3797.81 करोड़ लागत की 13 नयी योजनाएं के डीपीआर एनएमसीजी को स्वीकृति के लिए भेजा गया है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की योजनाओं की समीक्षा में बताया गया कि लखनऊ, बिजनौर, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, कानपुर, रायबरेली, प्रयागराज एवं वाराणसी में प्रयोगशाला के सुदृढ़ीकरण हेतु 38.08 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं और सभी जगहों पर समयबद्ध रूप से कार्य किये जा रहे हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि गंगा बेल्ट में 08 प्रयोगशालाएं स्थापित हैं और 34 जगहों पर जल गुणता की माॅनिटरिंग हो रही है और पिछले साल की तुलना में जल की गुणवत्ता में बहुत सुधार आया है।
गंगा में मिलने वाले नालों के बारे में बताया गया कि गंगा के किनारे स्थित 144 नाले नदी में मिल रहे हैं, इनमे से 93 नाले एसटीपी से टैप हैं और 51 नालों पर जाली लगी हुई है। इसके अलावा गंगा के किनारे शहरों के लिए साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए मौजूदा समय में 2,650 टन क्षमता के संयंत्र संचालित हैं और बलिया, मीरजापुर, फर्रूखाबाद तथा गंगाघाट जिलों में संयंत्रों का निर्माण प्रगति पर है, इनके पूरा हो जाने पर कुल क्षमता 2950 टन प्रतिदिन की हो जायेगी।
बैठक में यह भी बताया गया कि कानपुर में विकास प्राधिकरण की फंडिंग से सिंचाई विभाग द्वारा गंगा बैराज के पास बोट क्लब का निर्माण कराया जा रहा है, सिविल कार्य पूरा हो चुका है और अन्य शेष कार्य दिसम्बर तक पूरा हो जायेगा। प्रयागराज में यमुना नदी के किनारे बोट क्लब अधिष्ठापित है और प्राधिकरण द्वारा संचालित है।
बरेली सीवरेज योजना के लिए भूमि अधिग्रहण के बारे में बताया गया कि नगर विकास विभाग द्वारा कुल अपेक्षित धनराशि 243.89 लाख रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गयी है और आगे की कार्यवाही प्रगति पर है।
इससे पहले बैठक में जल निगम द्वारा सीवरेज सम्बन्धी योजनाओं, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा अन्य कंपोनेंट से जुडी योजनाओं, वन विभाग द्वारा वनीकरण एवं वन विभाग से संबंधित योजनाओं और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण नियंत्रण से जुडी योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया।