नयी दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के 20 से अधिक नेता सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए जिनमें से अधिकतर का संबंध गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) से है। ये नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास 10 राजाजी मार्ग पर पार्टी में शामिल हुए। इस मौके पर खरगे, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वकार रसूल वानी तथा पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई की प्रभारी रजनी पाटिल मौजूद थीं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने डीपीएपी के कई नेताओं की कांग्रेस में वापसी के बाद इस पार्टी के संस्थापक प्रमुख गुलाम नबी आजाद पर निशाना साधा। रमेश ने ट्वीट किया, आज सुबह, डीएपी (डिसअपियरिंग आजाद पार्टी) के 21 नेता फिर से कांग्रेस में वापस आ गए, जिनमें गुलाम नबी आजाद की ओर से मेरे खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने वाला एक नेता भी शामिल हैं।
उन्होंने दावा किया, इस बीच, जीएनए (गुलाम नबी आजाद) ने खुद के डीएनए के बदलने का नया सबूत देते हुए कहा है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का विरोध करने वाले लोग जमीनी स्थिति से अनभिज्ञ हैं। यह उस व्यक्ति का कथन है जिसने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ राज्यसभा में मोर्चा संभाला था।
नरेश के गुप्ता (डीपीएपी), श्याम लाल भगत (डीपीएपी), नम्रता शर्मा (अपनी पार्टी), साइमा जान (डीपीएपी), शाहजहां
डार (डीपीएपी), फारूक अहमद (आप), तरणजीत सिंह टोनी, गजनफर अली, संतोष मजोत्रा (डीपीएपी) , रजनी शर्मा (डीपीएपी), निर्मल सिंह मेहता (डीपीएपी), मदन लाल चलोत्रा (अपनी पार्टी), हमित सिंह बट्टी (आप) और कई अन्य नेता कांग्रेस में शामिल हुए।
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