नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उत्तर प्रदेश से आठ जुलाई से लापता 13 वर्षीय लड़की को बरामद कर लिया गया है और जिस व्यक्ति ने कथित तौर पर उसका अपहरण किया था उसे कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया गया है। न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की पीठ ने कहा, यह उत्तर प्रदेश पुलिस के चरित्र को दर्शाता है जो दो महीने तक कुछ नहीं कर सकी तथा दो सप्ताह का समय और मांग रही थी। दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सोलीसीटर जनरल आर. एस. सूरी ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि अदालत के निर्देश के मुताबिक उत्तर प्रदेश पुलिस ने बृहस्पतिवार को उनके साथ जांच रिपोर्ट साझा किया था। सूरी ने पीठ से कहा कि एक टीम का गठन किया गया जिसने कोलकाता से व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया और लड़की को बरामद कर लिया गया। पीठ में न्यायमूर्ति ह्म्षिकेश राय और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार भी शामिल थे।
शीर्ष अदालत ने मामले की जांच को लेकर बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस को फटकार लगाई और उसे निर्देश दिया कि जांच रिपोर्ट दिल्ली पुलिस के साथ साझा करे। लड़की की मां की तरफ से पेश हुए वकील पई अमित ने पीठ से कहा कि वह उच्चतम न्यायालय और दिल्ली पुलिस के आभारी हैं कि नाबालिग लड़की बरामद कर ली गई है। उत्तर प्रदेश की तरफ से पेश वकील ने पीठ से पूछा कि मामले में आगे की जांच राज्य पुलिस करेगी या दिल्ली पुलिस। इस पर पीठ ने कहा, दिल्ली पुलिस को अनुपालन रिपोर्ट दायर करने दीजिए और फिर हम विचार करेंगे कि आगे की जांच कौन करेगा। साथ ही पीठ ने कहा कि कानून के मुताबिक जो भी जरूरत होगी वह दिल्ली पुलिस करेगी। पीठ ने मामले में आगे की सुनवाई की तारीख सात सितंबर तय की है। दिल्ली में घरेलू सहायिका का काम करने वाली लड़की की मां ने याचिका में दावा किया कि उसकी बेटी को उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से एक व्यक्ति ने तब अगवा कर लिया जब परिवार के सदस्य वहां शादी समारोह में हिस्सा लेने गए थे। प्राथमिकी गोरखपुर में दर्ज की गई थी।