लखनऊ। मुंबई में साल 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में पैरोल पर छूटने के बाद लापता हुए एक सजायाफ्ता को शुक्रवार को कानपुर से गिरफ्तार किया गया।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने यहां बताया कि राजस्थान की अजमेर केन्द्रीय कारागार से हाल में 21 दिन के पैरोल पर छूटा 68 वर्षीय जलीस अंसारी गुरुवार को लापता हो गया था। उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट मुंबई के अग्रीपाड़ा थाने में दर्ज कराई गई थी।
उन्होंने बताया कि अंसारी को कानपुर के फेथफुलगंज क्षेत्र में उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह रेलवे स्टेशन की तरफ जा रहा था। उसके कब्जे से 47780 रुपए, एक पॉकेट डायरी, मोबाइल फोन और आधार कार्ड बरामद किया गया है। अंसारी को लखनऊ लाया गया है और स्पेशल टास्क फोर्स तथा सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं कि उसका इरादा क्या था।
अंसारी को पैरोल के दौरान रोजाना पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे और दोपहर 12 बजे अग्रीपाड़ा थाने में हाजिरी देनी होती थी। मगर वह गुरुवार को निर्धारित समय पर थाने नहीं पहुंचा था। गुरुवार को उसके बेटे जैद ने पुलिस को बताया था कि जलीस सुबह नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद जाने की बात कहकर घर से निकले, मगर नहीं लौटे। उसके बाद उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि अंसारी टाइम बम और टीएनटी को डेटोनेट करने का माहिर माना जाता है। वह वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों समेत 50 से ज्यादा बमकांडों में शामिल था। सिंह ने बताया कि अंसारी के गुमशुदा होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस को पहले ही सतर्क कर दिया गया था, क्योंकि उसके नेपाल के रास्ते देश से फरार हो जाने की आशंका थी।