बरेली में 300 बेड्स का डेडिकेटेड कोविड अस्पताल जल्द शुरू हो
संक्रमित मरीज़ का इलाज तुरंत सुनिश्चित कराया जाये
रोगी की स्थिति देख कर अलग-अलग श्रेणी के कोविड अस्पताल में हो इलाज
सरकारी स्कूल-काॅलेजों में ही प्रतियोगी परीक्षाओं के केंद्र बनाये जायें
लखनऊ। राजधानी लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर सहित 6 जिलों में कोरोना संक्रमण के मामलों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को चिंता ज़ाहिर करते हुए कई दिशा-निर्देश जारी किये। योगी ने लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर और बरेली में विशेष सतर्कता बरतते हुए चिकित्सा व्यवस्था को और बेहतर करने के निर्देश दिये हैं।
योगी ने कहा कि बरेली में 300 बेडों का डेडिकेटेड कोविड अस्पताल जल्द ही शुरू किया जाये। उन्होंने कोरोना संक्रमित मरीज का तुरंत इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि रोगी की स्थिति को देखते हुए उसका इलाज एल-1, एल-2 या एल-3 कोविड अस्पताल में किया जाये। बता दें की पिछले लगभग एक महीने से इन जिलों में न सिर्फ संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, बल्कि महामारी से मरने वालों तादाद भी ऊपर जा रही है।
मुख्यमंत्री ने टीम-11 के साथ टीम-11 के साथ अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कोरोना वायरस के 01 लाख टेस्ट प्रतिदिन करने के लिए सभी प्रयास सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने कहा है कि योजनाबद्ध ढंग से काम करते हुए इस लक्ष्य को पाने के लिए हर संभव प्रयास किये जायें। लगभग 36 लाख जांचों के साथ उत्तर प्रदेश के देश में कोरोना संक्रमण की सबसे ज़्यादा टेस्टिंग करने वाला राज्य बनने पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने टेस्टिंग गतिविधियों को पूरी क्षमता से संचालित करने के निर्देश भी दिये हैं।
योगी ने कहा कि इन्टीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को पूरी सक्रियता से चालू रखा जाये। सभी ज़रूरी मेडिकल उपकरणों और मानव संसाधन की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए एल-2 एवं एल-3 कोविड अस्पतालों में बेडों की संख्या बढ़ायी जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूल-काॅलेजों में ही प्रतियोगी परीक्षाओं के केन्द्र बनाये जायें। इन परीक्षाओं के संचालन में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन कराते हुए यह सुनिश्चित किया जाये कि अभ्यर्थी एवं परीक्षा कार्य से जुड़े सभी लोग मास्क का इस्तेमाल ज़रूर करें। उन्होंने परीक्षा केन्द्रों पर सेनिटाइजर की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
योगी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को समय से राहत सामग्री उपलब्ध हो। मकान के क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजा दिया जाए। उन्होंने यूरिया की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये हैं।