श्रद्धा व सत्कार से मनाया गया चार साहिबजादों का शहीदी दिवस

लखनऊ। श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के चारों साहिबजादों एवं उनकी माता, माता गुजर कौर जी का पावन शहीदी दिवस मनाया गया। माता गुजरी सत्संग सभा की ओर से सरबंसदानी साहिब श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी महाराज के चारों साहिबजादों (साहिब अजीत सिंह जी, साहिब जुझार सिंह जी, साहिब जोरावर सिंह जी, साहिब फतहि सिंह जी) एवं उनकी माता, माता गुजर कौर जी का पावन शहीदी दिवस श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा नाका हिन्डोला लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर प्रात: सुखमनी साहिब के पाठ से दीवान का आरम्भ हुआ, तत्पश्चात हजूरी रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह जी ने पवित्र आसा दी वार का शबद कीर्तन गायन द्वारा समूह संगत को निहाल किया। मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी गुरजिंदर सिंह जी ने शहीदी दिवस पर दिल को छू देने वाले विचार व्यक्त किए। सिमरन साधना परिवार के बच्चों ने मित्तर प्यारे नूँ हाल मुरीदां दा कहना एवं सूरा सो पहचानिअ‍ै लरै दीन के हेत। पुरजा-पुरजा कट मरे कबहु न छाडै खेत।। शबद कीर्तन गायन कर समूह संगत को भाव विभोर किया।
ज्ञानी हरविंदर सिंह जी सुहाना वालों ने सरबंसदानी साहिब श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी महाराज के चारों साहिबजादों एवं उनकी माता,माता गुजर कौर जी का शहीदी दिवस पर कथा करते हुए कहा कि चमकौर की गढ़ी में श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के बडे़ साहिबजादे बाबा अजीत सिंह एवं बाबा जुझार सिंह ने 10 लाख मुगल फौज का सामना करते हुए शहादत प्राप्त की और श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह एवं बाबा फतहि सिंह ने जब इस्लाम नहीं कबूल किया तो उन्हें सरहंद के नवाब ने सरहंद में ही जिन्दा नींव में चुनवा कर शहीद कर दिया। यह ऐतिहासिक घटना दिसम्बर माह में 1704 को हुई थी। पोतों की शहादत के बाद माता गुजर कौर जी ने भी अपने प्राण त्याग दिये
रागी जत्था भाई कमलदीप सिंह तनमीत सिंह चंबा वालों ने गुर किरपा जिह नर कउ कीनी तिह इह जुगति पछानी।। शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को निहाल किया। बीबी जसप्रीत कौर जी लुधियाना वालों ने साच कहों सुन लहो सभै जिन प्रेम कीओ तिन ही प्रभु पाइयो।। एवं ह्वपहिला मरणु कबूलि जीवण की छड़ि आस, होहु सभना की रेणुका तउ आउ हमारै पासि।। गायन कर समूह संगत को निहाल किया। दिन भर गुरबाणी कीर्तन तथा गुरमत विचारों का कार्यक्रम चला जिसका संचालन धार्मिक सचिव सरबजीत सिंह ने किया। दीवान की समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के सदस्यों ने चारों साहिबजादों एवं माता गुजर कौर जी के शहीदी दिवस पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। उपरान्त लंगर के वितरित किया गया।

सफर-ए-शहादत को समर्पित महान कीर्तन दरबार सम्पन्न

लखनऊ। धन धन श्री गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के परिवार की बलिदानी परंपरा और शहादत को समर्पित एक दिवसीय “सफर-ए-शहादत” कीर्तन दरबार का आयोजन बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव से किया गया। यह भव्य आयोजन यू.पी. सिख विचार मंच के अध्यक्ष सरदार गुरजीत सिंह छाबड़ा और गुरुद्वारा प्रधान सरदार सम्पूरन सिंह बग्गा के विशेष सहयोग से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम गुरुद्वारा साहिब में सायं 5:45 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत ज्ञानी बलदेव सिंह जी द्वारा रहिरास साहिब के पाठ से हुई, जिसके पश्चात हजूरी रागी भाई गुरमुख सिंह जी ने अपने सुमधुर कीर्तन से संगत को आध्यात्मिक आनंद प्रदान किया।
विशेष रूप से आमंत्रित कीर्तनकारों में शिमला से पधारे भाई गुरप्रीत सिंह जी और लुधियाना की बीबी जसप्रीत कौर जी ने गुरबाणी के शबद कीर्तन से संगतों को निहाल किया। उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए कीर्तन ने श्रोताओं को गुरु परिवार की शहादत की गहराई का एहसास कराया और सभी को भक्ति में लीन कर दिया।

लंगर वितरण और श्रद्धालुओं की भागीदारी

कीर्तन दरबार के उपरांत संगतों के लिए अटूट गुरु का लंगर वितरित किया गया। श्रद्धालु बड़ी संख्या में इस आयोजन में सम्मिलित हुए और गुरु महाराज की शिक्षाओं एवं बलिदानों को स्मरण करते हुए संगतों ने एकता और भक्ति का संदेश लिया।

सम्मान और समापन समारोह

अंत में, गुरुद्वारा प्रधान सरदार सम्पूरन सिंह बग्गा जी ने भाई गुरप्रीत सिंह जी शिमला वाले, बीबी जसप्रीत कौर जी लुधियाना वाली और यू.पी. सिख विचार मंच के अध्यक्ष सरदार गुरजीत सिंह छाबड़ा जी को उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया। इस मौके पर सभी मुख्य अतिथियों को सिरोपा और स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
इस पूरे आयोजन में सरदार इकबाल सिंह, सरदार सुरेन्द्र सिंह बग्गा, सरदार चरनजीत छाबड़ा, सरदार परमजीत सिंह छाबड़ा, सरदार परमजीत सिंह चंदर, एवं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अन्य सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी सदस्यों ने अपना विशेष योगदान दिया।

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