लखनऊ। भारतीय संस्कृति में त्योहार न केवल हमें हमारी परंपराओं से परिचित कराती है बल्कि हमारे अंदर आस्था और विश्वास जगाने का भी काम करती हैं। यही वजह है कि विकास के दौर में ईश्वर के प्रति हमारी श्रद्धा कम नहीं हुई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप हम चांद में सुहाग की तस्वीर देखने के लिए करवा चौथ का व्रत रखते हैं। सुहागिनों का पर्व करवा चौथ पर चांद के दीदार की बेकरारी त्योहार के उल्लास में चार चांद लगा देती है। 10 अक्टूबर को होने वाले इस पर्व को लेकर बाजार भी तैयार हैं। हर बाजार त्योहार के रंग में रंग चुका है। पौराणिक ग्रंथों के साथ ही सामाजिक मान्यताएं हमे अपने धर्म के प्रति धर्मनिष्ठ बनाती हैं। इसी मंशा के चलते हम हर त्योहार को अपने ढंग से मनाने में आगे रहते हैं। करवा चौथ पर पूजन सामग्री के साथ ही डिजाइनर करवे भी बाजार में मौजूद हैं।
गोल्ड टेंपल, कुंदन व पोलकी की है डिमांड:
करवाचौथ को लेकर इस बार आभूषणों की दुकानों में शानदार और लेटेस्ट डिजाइनों के कलेक्शन युवा जोड़ों में काफी डिमांड में है। आभूषणों में ब्राइडल गोल्ड टेंपल ज्वेलरी, कुंदन ज्वैलरी, पोलकी, डायमंड व सिल्वर कलेक्शन खूब पसंद किया जा रहा है। सोने की घड़ी, ब्रोच, ब्रेसलेट की भी जमकर खरीदारी हो रही है। 20 से 40 वर्ष की आयु वाली महिलाएं आक्सीडाइज्ड सिल्वर ज्वेलरी और लाइट वेट पोलकी ज्वेलरी पसंद कर रही हैं। वहीं पुरुष इटेलियल ब्रेसलेट एंड चेन पसंद कर रहे हैं।
ग्राहक अभी से कर रहे खरीदारी :
लखनऊ के ज्वेलर्स रवीन्द्र नाथ रस्तोगी कहते हैं कि तीन साल के गैप के बाद इस बार बाजार ठीक है। आगे सोने-चांदी के भाव बढ़ न जाएं, इसे देखते हुए ग्राहक अभी से ही खरीदारी कर रहे हैं। करवा चौथ को लेकर गृहणियों की अलग अलग डिमांड के अनुसार, आभूषण इस बार उपलब्ध हैं। न्यू कपल के लिए वेडिंग परपज के लिए भी शानदार कलेक्शन इस बार मौजूद हैं। ब्राइडल गोल्ड टेंपल ज्वेलरी, कुंदन ज्वैलरी, पोलकी, डायमंड की खूब डिमांड है। अनुराग रस्तोगी के अनुसार करीब तीन साल बाद बाजार का माहौल अच्छा देखने को मिल रहा है। इसी उम्मीद के साथ धनतेरस को लेकर इस बार लाइट वेट ज्वैलरी का जबरदस्त कलेक्शन दुकानों पर है। इसमें एंटिक ज्वेलरीए टेंपल और कोल्हापुरी ज्वेलरी लोगों के बीच खासी डिमांड है। लाइट वेट होने के कारण ही हर वर्ग के ग्राहकों के बीच इसकी खूब डिमांड है। चूंकि अभी सहालग में समय है इस वजह से लोग त्यौहारों की खरीदारी पर अधिक फोकस कर रहे हैं। भूतनाथ बाजार के मयंक अग्रवाल कहते हैं कि त्योहारों के साथ ही बाजार अच्छा होने लगा है। अभी करवाचौथ को लेकर खरीदारी तेजी पकड़ने लगी है। एंटीक व पोलकी ज्वेलरी, हीरे की लाइट वेट ज्वेलरी ग्राहक के बीच खूब डिमांड में है। युवा जोड़े पोलकी व हीरे की लाइट वेट ज्वेलरी खूब पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा धनतेरस व दीवाली को लेकर भी अपने बजट के अनुसार ग्राहक आर्डर देकर भी आभूषण बनवा रहे हैं।
कास्मेटिक सामान की बिक्री बढ़ी:
करवा चौथ को लेकर बाजार में मेकअप के सामान की बिक्री में उछाल आया है। पिछले एक सप्ताह से सुहागिनें कास्मेटिक उत्पादन खरीदने के लिए पहुंची। पिछले तीन कदिन से बारिश ने महिलाओं की खरीदारी में खलल डाला था। जब आज बारिश ने दिन में थोड़ी राहत दी, तो महिलाओं की टोलियां बाजारों में खरीदारी करते हुए देखी गईं। फिरोजाबाद की चूड़ी, बोरोसिल कंगन व जूड़ा की बाजार में तमाम वैरायटी हैं। विभिन्न परिधानों के मैचिंग की चूड़ियों की भी बाजार में मांग है। सौंदर्य प्रसाधन के साथ चूड़ियों का खास महत्व होता है।
चूडिय़ों की खरीदारी हुई तेज:
करवाचौथ के अवसर पर सुहाग संबंधी सामग्री की खरीदारी सबसे ज्यादा होती है, जिसमें लाल सिंदूर, कंघी, बिंदी चूडिय़ां, मेहंदी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती हैं। इसको लेकर अमीनाबाद, हजरतगंज, चौक, आलमबाग समेत अन्य मार्केट में खूब खरीदारी हुई। दुकानदार भी भीड़ देखकर बेहद खुश नजर आ रहे हैं। मार्केट में विभिन्न डिजाइन की चूड़ी, चूड़ा, कड़ा, कंगन आदि आये है। अमीनाबाद में चूड़ी विक्रेता मनोज बताते हैं कि इस समय फैशन में मैट, चांदनी, महारानी, जरकन, नगवाले, कुंदन आदि किस्म की चूडिय़ां महिलाओं को सबसे ज्यादा पसंद आ रही हैं। महिलाएं व्रत के दौरान पहनने वाली साड़ी से मैचिंग चूडिय़ां पसंद कर रही हैं। इनकी कीमत 100 रुपये से शुरू होकर हजारों में है।
करवाचौथ स्पेशल थाली व छलनी की बिक्री
गोमतीनगर में सराफा कारोबारी राजीव रमन ने बताया कि ग्राहकों की स्पेशल डिमांड पर भी करवा बनाएं गए हैं। इस बार चांदी के करवेए बिछियाए पायलए लॉकेट के अलावा करवाचौथ की स्पेशल थाली व छलनी की बिक्री काफी हुई है। सराफा मार्केट में सोने.चांदी के करवे के अलावा लाइट वेट ज्वेलरी की मांग अधिक है। आॅल इंडिया ज्वेलर्स एडं गोल्डस्मिथ फेडरेशन के प्रदेश संयोजक विनोद माहेश्वरी ने बताया कि महिलाएं लाइट वेट ज्वेलरी पसंद कर रही है। इसमें मंगलसूत्र, चूड़ियों की बिक्री अधिक है। पहले जो लोग सोने का हार पसंद करते थे, वह अब नेकलेस की मांग अधिक है। यहियागंज बर्तन बाजार में सस्ते करवे की कई रेंज उपलब्ध है। लखनऊ मेटल मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हरिश्चंद्र अग्रवाल ने बताया कि गिलट का करवा 850 रुपये तो पीतल का मुरादाबादी नक्काशीदार कटे ग्रुव का करवा 800 से 2000 रुपये तक है। वहीं सादा पीतल का करवा 700 रुपये से 1200 रुपये तक है। इसमें डिजाइनर थाली और छलनी भी है।
सज गया मेंहदी बाजार, एडवांस बुकिंग शुरू
लखनऊ। करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार का अपना ही अलग महत्व होता है। इस दिन महिलाएं पूरी तरह से सज संवर कर सोलह श्रृंगार करके पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं, लेकिन इस सोलह श्रृंगार में अगर हाथों पर मेहंदी ना लगी हो तो इसे अधूरा ही माना जाता है। इसीलिए करवा चौथ पर हाथों पर मेहंदी लगवाना जरूरी होता है। यही वजह है कि हर साल की तरह इस साल भी लखनऊ में करवा चौथ पर मेहंदी लगवाने के लिए लोगों ने एडवांस बुकिंग शुरू कर दी है। लखनऊ के कई ऐसे बाजार हैं जहां पर आप जाकर दोनों हाथों और पैरों में मेहंदी लगवा सकती हैं। यहां की कीमतें भी बेहद कम होती हैं। खास तौर पर लखनऊ का पत्रकारपुरम, निशातगंज, इंदिरा नगर, भूतनाथ मार्केट, राजाजीपुरम का ई.ब्लॉक मार्केट और तो और हजरतगंज में लवलेन मार्केट के पास मेहंदी लगाने के लिए लोग बैठने लगे हैं और अभी करवा चौथ की बुकिंग चल रही है। करवा चौथ के दो दिन पहले यहां पर महिलाएं मेहंदी लगवाने के लिए पहुंचने लगेंगी।
बाजार में तरह-तरह के करवा कर रहे आकर्षित
चांदी के करवे के साथ ही सोने के पन्नी चढ़ी करवा भी बाजार में मौजूद है। चौक के सिद्धार्थ जैन ने बताया कि हर रेंज के आकर्षक करवे बनवाए गए हैं। आलमबाग के रामकुमार वर्मा ने बताया कि महिलाओं के लिए श्रृंगार का सामान भी बनाया गया है। कम रेंज में आकर्षक आभूषण महिलाओं को रास आएंगे। चूरा, लावा के साथ ही खिलौने भी बाजार में मौजूद हैं। मेहंदी लगवाने के साथ ही ब्यूटी पार्लर की दुकानों पर भी बुकिंग शुरू हो गई है। नवरात्र से खरीदारी शुरू हो गई है। मिट्टी के करवे भी बाजार में बिक रहे हैं। चौक के ज्वेलरी व्यापारी सिद्धार्थ जैन ने बताया कि शुक डूबने से चांदी व सोने के करवे की बिक्री न के बराबर है। मान्यता है कि पूजन में प्रयोग होने वाली धातु के सामान नहीं खरीदना चाहिए। आभूषणों की बिक्री हो रही है, लेकिन करवा खरीदने से लोग बच रहे। आर्डर भी नहीं मिल रहे हैं।