बामाको (माली)। माली की सेना के कर्नल असीमी गोइता ने ऐलान किया है कि देश की बागडोर अब उनके हाथ में हैं। गोइता ने खुद को उस जुंता (सैन्य नेताओं की समिति) का अध्यक्ष घोषित किया जिसने देश के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम अबूबकर कीता को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया।
गौरतलब है कि विद्रोही सैनिकों ने मंगलवार को राष्ट्रपति आवास का घेराव कर उन्हें बंधक बना लिया था। इसके बाद कीता ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। कर्नल गोइता उन पांच सैन्य अधिकारियों में से एक हैं, जिन्होंने सरकारी प्रसारक ओआरटीएम पर तख्तापलट की घोषणा की थी।
गोइता ने कहा कि हमने माली की भलाई के लिये तख्तापलट किया है। माली सामाजिक-राजनीतिक और सुरक्षा संकट से गुजर रहा है। अब गलतियों की कोई गुंजाइश नहीं बची है। उन्होंने सरकारी मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर उसने बृहस्पतिवार से फिर से काम शुरू करने का आग्रह किया है।