धूमधाम से मना बाबा नीब करौरी का स्थापना उत्सव, बांटा गया महाप्रसाद

लखनऊ। आज चौक स्थित प्राचीन श्री लेटे हुए हनुमान जी मंदिर में स्थित बाबा नीब करौरी जी के ध्यान केंद्र में बाबा का धूमधाम से स्थापना उत्सव मनाया गया। मंदिर में जहां सुप्रसिद्ध भजन गायक शशांक सागर द्वारा बाबा के भजन गाए गए वही देना हो तो दीजिए जन्म जन्म का साथ… भजन पर सभी भक्त झूम कर नाचे । इसके बाद मंदिर के मुख्य सेवादास डॉ विवेक तांगड़ी जी द्वारा बाबा की आरती की गई । आरती के पश्चात मंदिर के सभी सेवादारों को ज्येष्ठ के मंगलों के सफल आयोजन पर सम्मानित किया गया और सेवादार सचिव डॉ पंकज सिंह भदौरिया जी द्वारा गुड़ के पारंपरिक पूए और आम की खीर सभी भक्तों को अपने प्रतिष्ठान मार्स इंफ्रा की ओर से बांटी गई।
इस अवसर पर मुख्य रूप से ट्रस्ट के सेवादार रिद्धि किशोर गौड़, आशीष अग्रवाल, लवलीन खोसला, अखिलेश कुमार, जगदीश श्रीवास्तव , अलकेश सोती ,प्रमित सिंह, राहुल मल्होत्रा,सुरेंद्र सूदन, अजय मेहरोत्रा, राजेश आनंद, प्रहलाद अग्रवाल, आनद मोहन को सम्मानित किया गया..इस अवसर पर सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे ।

मुझे कैची में बुलाया, ये कर्म नहीं तो क्या है…
कैचीधाम मंदिर की 61वीं वर्षगांठ पर भजन संध्या एवं महाप्रसाद वितरण


लखनऊ। उत्तराखण्ड वासियों की प्रतिष्ठित संस्था उत्तराखण्ड महापरिषद, लखनऊ के तत्वावधान में नीम करौरी बाबा महाराज जी द्वारा स्थापित कैचीधाम मंदिर की 61वीं स्थापना वर्षगांठ के पावन अवसर पर एक भव्य भजन संध्या एवं महाप्रसाद वितरण कार्यक्रम का आयोजन मोहन सिंह बिष्ट सभागार, कुर्मांचल नगर, लखनऊ में किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे श्री ओ.पी. श्रीवास्तव, माननीय विधायक, पूर्वी विधानसभा लखनऊ, जिन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर प्रमुख उपस्थिति में रहे। दीवान सिंह अधिकारी (संयोजक), हरीश चन्द्र पंत (अध्यक्ष), मंगल सिंह रावत (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), भरत सिंह बिष्ट (महासचिव), पूरन चन्द्र जोशी (कार्यक्रम प्रभारी), सुरेश पाण्डे (सह-प्रभारी), महेन्द्र सिंह गैलाकोटी (सांस्कृतिक सचिव), के एस चुफाल कोषाध्यक्ष भूवन पटवाल एवं भूवन पाठक, जिन्होंने कैचीधाम में विराजित बाबा नींब करौरी महाराज जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। मुख्य अतिथि ओ.पी. श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कैचीधाम मंदिर का स्थापना दिवस केवल ईंट-पत्थर की नींव का स्मरण नहीं, बल्कि उस दिव्य चेतना और संकल्प का प्रतीक है, जिसने अनगिनत लोगों के जीवन को आध्यात्मिक शांति, दिशा और चमत्कारी अनुभवों से समृद्ध किया है। संस्था के अध्यक्ष श्री हरीश चन्द्र पंत ने अपने वक्तव्य में कहा पंडित लक्ष्मी नारायण शर्मा द्वारा 61 वर्ष पूर्व स्थापित यह स्थल केवल मंदिर नहीं, बल्कि एक शक्ति पीठ है। बाबा नीम करौरी महाराज जी को हम सभी हनुमान जी का अवतार मानते हैं। उनका जीवन, सेवा और समर्पण आज विश्वभर में श्रद्धा और आस्था का प्रतीक बन चुका है। कार्यक्रम में भजन संध्या की प्रस्तुति में प्रसिद्ध भजन गायिका डॉ. अनु अन्नपूर्णा (संस्कृति विभाग, उ.प्र.) ने भजनों की मधुर प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें मुझे कैची में बुलाया, ये कर्म नहीं तो क्या है…,

देना है तो दीजिए जनम-जनम का साथ… जैसे भजनों ने उपस्थित श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। इसके अतिरिक्त भजन प्रस्तुति में उत्तराखंड समाज के भजन गायन कलाकारों जिसमे श्रीमती कमला चुफाल, श्रीमती विद्या पाण्डेय, श्रीमती मंजू पाण्डे, श्रीमती हरितिमा पंत, अपर्णा सिंह, रुपाली,रंजना जोशी,सोनाली सिंह, अंकिता ठाकुर श्रीमती पूनम कनवाल, श्रीमती शशि जोशी, श्री रवीन्द्र देवतौला, श्री गिरीश चन्द्र बहुगुणा तथा श्रीमती हेमा अधिकारी ने भी भाग लिया। उनकी प्रस्तुति से पूरा वातावरण भक्ति और भाव से भर गया। कार्यक्रम का सञ्चालन पूनम कनवाल द्वारा किया इस अवसर पर भवान सिंह गर्बियाल,हेमा बिष्ट, कमला मेहरा,पुष्प गइलाकोटि, जगत सिंह राणा, महेश रौतेला लाल सिंह बिष्ट हरीश चंद जोशी पंकज खरखवाल, देवेश्वरी पवार मोहन पंत विजय बिष्ट आदि उपस्तिथि रहे। कार्यक्रम का समापन महाप्रसाद वितरण के साथ किया गया जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

स्थापना दिवस पर निर्धनों को नि:शुल्क भोजन
लखनऊ। इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी द्वारा संचालित बृज की रसोई के तत्वावधान में रविवार, को नीम करौली बाबा के कैंची धाम स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर एक विशेष सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा ने बताया यह आयोजन लखनऊ के आशियाना क्षेत्र, में अपराह्न 2 बजे से आरंभ हुआ , जिसमें नि:शुल्क भोजन, मिष्ठान, और वस्त्रों का वितरण किया गया। मीडिया प्रभारी दीपक भुटियानी ने कहा इस सेवा आयोजन का मुख्य उद्देश्य भूख, बेबसी और निराशा से जूझ रहे अकिंचन, अनाथ, निराश्रित, निर्धन व असहाय व्यक्तियों को गरम व पौष्टिक भोजन व उनकी जरूरतों की चीजों को प्रदान करना है। सूरज पाण्डेय बताते है बृज की रसोई बीते कई वर्षों से लखनऊ सहित अन्य क्षेत्रों में सतत रूप से हर रविवार को मानव सेवा की इस परंपरा को निभाती आ रही है। अमित गुप्ता ने बताया कि यह आयोजन केवल भोजन वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सेवा भारतीय संस्कृति में निहित करुणा, दान और परोपकार की जीवंत अभिव्यक्ति है। दिव्यांशु राज का मानना है कि भूखे को भोजन और निराश को आशा देना ही वास्तविक धर्म और राष्ट्रसेवा है।

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