लखनऊ। नवरात्र के नौंवे दिन शुक्रवार को अष्टमी और महानवमी पर मंदिरों व घरों में देवी के सिद्धिदात्री स्वरूप का पूजन किया गया। इस मौके पर हवन और धार्मिक अनुष्ठान हुए। विधि-विधान से देवी की आरती के बाद घरों में कन्या पूजन किया गया।
कन्याओं के पैर धोकर उन्हें हलवा, पुरी, चने, खीर आदि का भोग लगाया गया। साथ ही उन्हें चुनरी, उपहार और भेंट दिए। शारदीय नवरात्र के नौवें दिन सोमवार को मां आदिशक्ति भगवती के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की आराधना के लिए देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
चौक का बड़ी काली जी मन्दिर हो या फिर बीकेटी का चान्द्रिका देवी मन्दिर हो हर जगह मां के भक्तों का मेला दिख रहा था। मन्दिरों में जय माता दी और सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते के श्लोक गूंज रहे थे। नवरात्र में नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है, मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। आज के दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में कुछ भी उसके लिए अगम्य नहीं रह जाता है। ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है।
मां सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियां प्रदान करने में समर्थ हैं। देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकम्पा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वे लोक में अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए। मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनका वाहन सिंह है। ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं। इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प है।
हवन के बाद कन्या पूजन:
नवरात्र की नवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ लोगों ने कन्याओं को भोज कराया। नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। इस लिए मंदिरों हो या फिर घर सभी जगहों पर कन्याओं को भोज कराया गया। भेजन के बाद उन्हें दान दक्षिणा व उपकहार भेंट दिया। पं. बिन्द्रेस दुबे ने बताया कि नवरात्र में कन्या पूजन करने का विशेष महत्व है। नवरात्र में छोटी कन्याओं में माता का स्वरूप बताया गया है। उन्होंने बताया कि नवमी तिथि का हवन आदि करने के बाद कन्याओं का पूजन करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
51 शक्तिपीठ में वृहद स्तर पर हुआ कन्या भोज का आयोजन
लखनऊ। बीकेटी के 51 शक्तिपीठ में चल रहे नवरात्र महोत्सव के क्रम में शुक्रवार को मां सिद्धिदात्री की आराधना की गई। नवमी पर मां सिद्धिदात्री के पिंडी पूजन संस्था की अध्यक्ष तृप्ति तिवारी और वरद तिवारी ने किया। पूजन आचार्य धनंजय पाण्डेय ने सम्पन्न कराया। पूजन हवन के बाद वृहद स्तर पर कन्या पूजन व भोज कराया गया। कन्या भोज की शुरूआत पद्मश्री डा. विद्या बिंदू ने की। नवमी पर भक्तों ने अपनी इच्छ अनुसार माता का श्रृगार किया।
नवमी पर सुंदरकांड संग गूंजे भजन कीर्तन
लखनऊ। देवभूमि मायापुरी समिति द्वारा पिछले 5 वर्षों की भाती इस वर्ष भी शारदीय नवरात्रि एवम भंडारे का आयोजन समिति द्वारा 3 दिन तक किया गया आयोजन में स्थानीय महिलाओं द्वारा अष्टमी एवं नवमी के दिन सुंदरकांड एवं भजन कीर्तन किया गया दशहरे के दिन सुबह कन्या पूजन उसके बाद भंडारे का आयोजन किया जाता है भंडारे के उपरांत रावण दहन का कार्यक्रम भी रखा गया उसके उपरांत बच्चों का रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन होगा’ मुख्य अतिथि के रूप उत्तराखंड महापरिषद के अध्यक्ष श्री हरीश चंद्र पंत, महासचिव भरत सिंह बिष्ट एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे अतिथियों का स्वागत समिति के अध्यक्ष पूरन सिंह अधिकारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मदन मोहन पाण्डेय, उपाध्यक्ष मोहन पंत, बालम सिंह रावत, महासचिव विजय सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष बलवंत सिंह बजेठा जी ने किया कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के सदस्य कृष्णा सिंह रावत, मोहन जोशी, बलवंत सिंह रावत, रमेश सिंह रावत, श्याम जोशी, चंदन सिंह मेहता, कमल सिंह रावत और समित के सभी सदस्यों का रहा एवं रावण को बनने में बच्चों का विशेष योगदान रहो।