वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग को फ्लाई ऐश डोप्ड क्ले सिरामिक नैनो कंपोजिट आधारित सेंसर पर भारतीय पेटेंट मिला है। भौतिक विज्ञान विभाग (एडवांस्ड ग्लास एंड ग्लास सेरेमिक्स रिसर्च लेबोरेटरी) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सीआर गौतम के निर्देशन से सेंसर के निर्माण पर कार्य किया गया, जिसका निर्माण मिट्टी और अन्य प्राकृतिक और हल्के रासायनिक पदार्थों का मिश्रण करके किया गया है, जिसका बनाना सामान्य लोगों के लिए सुलभ हो सकता है।
डा. सीआर गौतम इस सेंसर के निर्माण प्रक्रिया के बारे में बताया कि वर्तमान में कार्बन डाइआॅक्साइड वायुमंडल को अत्यधिक प्रभावित कर रहा है और हमें इसे पहचानने के लिए सस्ते और प्रभावी तरीकों की आवश्यकता है। बाजार में कई गैस सेंसर हैं, लेकिन वे महंगे होते हैं, जिससे कई लोगों के लिए उपयुक्त नहीं होते। इसका मुख्य उद्देश्य सस्ते और प्रभावी गैस सेंसर का निर्माण करना है।
इस गैस सेंसर को ऐसे तैयार किया गया है कि इसमें अधिक छिद्रता और घनत्व होगा, जिससे गैस की पहचान की क्षमता में वृद्धि होगी। यह मिट्टी पर आधारित गैस सेंसर सस्ता, प्रभावी, और टिकाऊ है, और इसका सेंसर प्रतिक्रिया (रेस्पांस), प्रतिक्रिया (रेस्पांस ) समय, और पुनर्प्राप्ति (रिकवरी) समय 3.39, 16.95 सेकंड, और 18.05 सेकंड है। सेंसर का निर्माण डा गौतम एवं उनके शोधार्थियों सर्वेश कुमार अविनाशी, रजत कुमार मिश्रा, श्वेता, सविता कुमारी, डा एजाज हुसैन, राखी, आकाश सचान, डा जायरीन फातिमा, डा अमरेंद्र गौतम के द्वारा पूर्ण किया गया है।
इस गैस सेंसर के निर्माण में बीबीएयू के भौतिक विज्ञान विभाग (नैनोमटेरियल्स और सेंसर रिसर्च लेबोरेटरी) के प्रो. बाल चंद्र यादव और उनके शोधार्थी अजीत सिंह का सहयोग मिला है। डा गौतम ने बताया कि इस पेटेंट को भारतीय पेटेंट कराने के लिए 25 सितंबर 2023 को आवेदन किया गया था। भारतीय पेटेंट कार्यालय, नई दिल्ली की ओर से 13 अक्टूबर 2023 स्वीकार कर प्रकाशित कर दिया गया।
इस शोध को राज्य सरकार की रिसर्च और डेवलपमेंट योजना के तहत मान्यता प्राप्त है और इसके अंतर्गत भौतिक विज्ञान विभाग के डा. सीआर गौतम को प्रोजेक्ट सौंपा गया है। इस प्रोजेक्ट का विषय ‘वाटर फिल्टरेशन और गैस सेंसर के लिए क्ले (मिट्टी) आधारित छिद्रयुक्त सिरेमिक का निर्माण’ है और इसमें डा. गौतम के साथ-साथ प्रो. एसपी सिंह भी सह-निर्देशक के रूप में शामिल हैं।