आज प्राप्त की गई उपलब्धियों को खुलकर साझा किया
लखनऊ। लखनऊ की धड़कनों को और तेज करते हुए कौसल साहित्य महोत्सव के तीसरे सत्र में प्रसिद्ध आरजे प्रतीक की मेजबानी में सोशल मीडिया की दुनिया के तीन प्रख्यात इंफ्लुएंसर्स सौभाग्य दीक्षित, आकांक्षा अवस्थी और सौरभ चंद्रा से बातचीत हुई। रोमांचक चर्चा के दौरान इन युवा हस्तियों ने अपने कंटेंट क्रिएशन के शुरूआती सफर, संघर्षों, चुनौतियों और आज प्राप्त की गई उपलब्धियों को खुलकर साझा किया। साथ ही, उन्होंने बताया कि कैसे निरंतर मेहनत, सकारात्मक सोच और वास्तविक अनुभवों के आधार पर वे आज इस मुकाम तक पहुंचे। सौभाग्य दीक्षित ने बताया कि कैसे ट्रोलिंग और नकारात्मक टिप्पणियाँ कई बार क्रिएटर्स को निराश कर देती हैं, लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद हार न मानना ही सफलता का रास्ता है। उन्होंने कहा कि अपने कंटेंट के माध्यम से उन्होंने अवधी भाषा को राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया है, जिसे आज पूरे देश में लोग प्यार और सम्मान दे रहे हैं। वहीं आकांक्षा अवस्थी ने साझा किया कि कैसे उन्होंने होटलों और रेस्टोरेंट्स के बजाय लखनऊ के स्ट्रीट फूड और उसकी असली स्वाद संस्कृति को बढ़ावा देने का बीड़ा उठाया। उन्होंने बताया कि स्थानीय स्वाद और सड़क किनारे मिलने वाला भोजन ही शहर की असली पहचान है, जिसे लोगों तक पहुँचाना उनका उद्देश्य रहा है। सत्र में सौरभ चंद्रा ने कहा कि कंटेंट में अभद्र या अपमानजनक भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स और नकारात्मक टिप्पणियों को नजरअंदाज करना ही समझदारी है और इससे काम पर फोकस बनाए रखने में मदद मिलती है। संवाद, प्रेरणा और नवसोच से भरा यह सत्र युवा पीढ़ी के लिए ऊर्जा और नए दृष्टिकोण लेकर आया। लखनऊ ने एक बार फिर साबित किया कि यह सिर्फ तहजीब का शहर ही नहीं बल्कि रचनात्मक अभिव्यक्ति का केंद्र भी है।





