वनक्षेत्रों में पर्यावरण प्रहरी के रूप में काम कर सकेंगे स्थानीय लोग

नयी दिल्ली। सरकार ने वन और वन्यजीव क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये पर्यावरण अनुकूल पर्यटन नीति (इको टूरिज्म पॉलिसी) तैयार की है। इसके तहत स्थानीय लोगों को वन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देते हुये पर्यावरण प्रहरी और पर्यटक मित्र की तरह काम करने का मौका मिलेगा। पयार्वरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुये बताया कि सरकार ने जनहितकारी नीतियों को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता के मद्देनजर पर्यटन और पर्यावरण के बीच संतुलन कायम करने वाली यह नीति तैयार की है।

कौशल विकास को बढ़ावा

इससे पर्यावरण अनुकूल परिस्थितियों को बरकरार रखते हुये वन क्षेत्रों के निकटवर्ती इलाकों में लोगों को वन्यजीव गतिविधियों के माध्यम से रोजगार के अवसर मुहैया कराये जायेंगे। नीति के तहत पर्यटकों को प्रकृति के बारे में जागरुक करते हुये पर्यावरण के प्रति उनकी समझ को बेहतर एवं व्यापक भी बनाया जा सकेगा। मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में डा. हर्षवर्धन ने कहा कि इसके लिये स्थानीय लोगों के कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिये प्रस्तावित नीति में पर्यावरण हितैषी गतिविधियों (इको टूरिज्म) से जुड़े विशेष प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है।

पर्यटन सुविधाओं के विकास

प्रशिक्षण प्राप्त स्थानीय लोगों को नेचर गाइड और टूरिस्ट गाइड के तौर पर तैनात किया जा सकेगा। साथ ही वन क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को पर्यटन सुविधाओं के विकास और अतिथि सत्कार सेवा से जोड़ते हुये उन्हें प्रकृति रक्षक के रूप में काम करने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। इसमें स्थानीय लोगों को वन क्षेत्र और पर्यावास की खूबियों से पर्यटकों को अवगत कराने का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। नीति में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी से पर्यटन संबंधी लघु एवं मध्यम स्तरीय कारोबार को भी प्रोत्साहित करने का प्रावधान है। इसमें सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की मदद से फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी को बढ़ावा देते हुये स्थानीय पर्यटन का हिस्सा बनाना भी शामिल है।

आजीविका को भी बढ़ावा मिलेगा

इसके अलावा स्थानीय पारंपरिक वस्तुओं, साहित्य, परिधान और खानपान की बिक्री के माध्यम से इनका प्रसार करते हुये आजीविका को भी बढ़ावा मिलेगा। डा. हर्षवर्धन ने बताया कि सभी संबद्ध पक्षकारों के सहयोग से तैयार की गयी इस नीति का उद्देश्य वन संपदा से समृद्ध इलाकों में स्थानीय लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाते हुये वन्यजीवन को पर्यटन संबंधी व्यवसायिक गतिविधियों से जोड़ना है।

विशिष्ट पर्यटन मानचित्र तैयार किया

नीति के तहत क्षेत्र विशेष के लिये विशिष्ट पर्यटन मानचित्र तैयार किया जायेगा जिससे संवेदनशील वन्यक्षेत्र को मानवीय गतिविधियों से महफूज रखा जा सके। नीति के दायरे में देश के सभी वन्यजीव अभ्यारण्य, राष्ट्रीय उद्यान, संरक्षित वन क्षेत्र और नदी एवं पर्वतीय क्षेत्र शामिल है। नीति के लागू होने पर सभी राज्य सरकारों को इको टूरिज्म विकास बोर्ड का गठन करते हुये इसका पालन सुनिश्चित करना होगा।

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