back to top

जीवन एक साधना है

मनुष्य का मस्तिष्क विचारों, कल्पनाओं और मूल्यों का पुंज है। कोई विचार मस्तिष्क में ही जन्म लेते हैं और उसके अनुसार कर्म के लिए प्रेरित करते हैं। कर्म भी दो प्रकार के होते हैं। इहलौकिक और पारलौकिक। किसी भी कर्म के पहले मनुष्य के हृदय में विचार उत्पन्न होता है, क्योंकि मन कल्पनाओं का पुंज है। मन की किसी भी कल्पना को पूर्ण करने के लिए कर्म में निरत होना पड़ता है तथा उस कर्म को अन्तिम ध्येय तक पहुंचाने के लिए मन में विचार उत्पन्न होकर उस प्रकार के कर्म को साधना करनी पड़ती है।

जीवन भी एक बड़ी साधना है। प्रेम साधन, भक्ति साधन, मोक्ष साधन, योग साधन इत्यादि अनेक हैं। कोई भी कर्म करने के पहले उसका कारण भी अवश्य हुआ करता है। इहलौकिक कर्म के लिए कारण स्पष्ट है कि मनुष्य नवीनता का उपासक है। आज जिस एक वस्तु की इच्छा मन में उठ कर उसकी प्राप्ति के लिए साधना की जाती है, कल उससे अनिच्छा भी हो सकती है और भौतिक वस्तु की प्राप्ति के लिए प्राय: यही फल हुआ करते हैं। मनुष्य वासनाओं का दास है।

इसी से भौतिक अथवा इहलोक साधना की ओर उसका झुकाव अधिक रहता है किन्तु व्यावहारिक, सांसारिक विभूतियों में कह कर भूति मात्र कहा है जिससे भौतिक शब्द की रचना हुई है। सांसारिक वैभव बहुत कुछ है किन्तु सब कुछ नहीं। इस वैभव से मित्र, दास, दासी, राजपाट बहुत कुछ प्राप्त हो सकता है, किन्तु प्रेम, स्वास्थ्य, शांति और सुख नहीं मिल सकता।

हृदय की शांति के लिए दूसरी विधि की खोज करना होगा। कितने ही ऐसे व्यक्ति मिलेंगे जो सांसारिक सत्पत्ति रहते हुए भी उस शांति सुख और प्रगाढ़ निद्रा के लिए लालायित रहते पाये जाते हैं जिसे सड़क के किनारे सोने वाले अनुभव करते हैं। सांसारिक सम्पत्ति गनन चुम्बी अट्टलिका बना सकती है किन्तु प्रत्येक मनुष्य का चाहे वह धनिक हो अथवा दिरद्री अटूट समाधि के लिए छह फुट जमीन से अधिक आवश्यकता न होगी।

रात दिन के आघात, दुख सफलता और निराशाओं के कारण जब मानव हृदय से पड़ता है उसे अपनी शक्तियों के ऊपर अविश्वास हो जाता है एवं संसार में उसे अपना कोई भी दिखलाई नहीं पड़ता है। उस समय वह अशरण-शरण मंगलमय भगवान की ओर आकर्षित होता है और संसार में रहते हुए भी संसार की चहल पहल से दूर अपने जीवन पक्ष का निर्माण किसी अन्य दिशा में करने की आकांक्षा करते हुए साधन पथ बदल देता है। उस समय इहलौकिक ध्येय न होकर पारलौकिक ध्येय हो जाता है। बस यही पारलौकिक कर्म का कारण है।

RELATED ARTICLES

धनतेरस पर बाजारों में बरसा धन, 2300 करोड़ का कारोबार

इलेक्ट्रॉनिक, आटोमोबाइल, बर्तन और कपड़ा मार्केट में उमड़ी भीड़ शहर के सभी बाजारों में सबसे अधिक भीड़ बर्तन, मिठाई, ड्राईफ्रूट, सराफा मार्केट में रही कपड़ों पर...

आज श्रद्धा पूर्वक मनेगा बजरंग बली का प्राकट्य उत्सव

मंदिरों में होंगे सुंदरकांड पाठ, लेटे हनुमान मंदिर में होगी महाआरती, सुबह से लगेगी भक्तों की कतारलखनऊ। दीपावली के एक दिन पहले 19 अक्टूबर...

एआई पावर्ड एंटरटेनमेंट सीरीज महाभारत: एक धर्मयुद्ध 25 से

मनोरंजन नहीं, बल्कि एक अद्भुत अनुभव बन जाता हैलखनऊ। मनोरंजन की दुनिया में तकनीक का नया अध्याय जोड़ते हुए जियोस्टार और कलेक्टिव मीडिया नेटवर्क...

अयोध्या में जनवरी से जून तक 23 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे

अयोध्या । भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस वर्ष केवल जनवरी से जून के बीच...

योगी आदित्यनाथ ने दीपावली पर्व की बधाई दी, प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को दीपावली के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए प्रभु...

नहीं चले रोहित- विराट,भारत के नौ विकेट पर 136 रन

पर्थ । भारत ने पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद आस्ट्रेलिया के खिलाफ बारिश से प्रभावित पहले एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट...

फतेहपुर पटाखा बाजार में लगी भीषण आग से 65 दुकानें जलकर राख, करोड़ों का नुकसान

फतेहपुर। शहर के महात्मा गांधी परास्नातक महाविद्यालय के प्रांगण में रविवार दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे उस समय हड़कंप मच गया, जब पटाखा बाजार...

बैंक ऑफ इंडिया में सतर्कता जागरूकता अभियान का आयोजन

बैंक के मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री विष्णु कुमार गुप्ता की अगुवाई में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन लखनऊ। बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) के...

भारत बनाम आस्ट्रेलिया: बारिश के बाद पहला वनडे मैच 32-32 ओवर का कर दिया गया…स्कोर 52/4

पर्थ । भारत और आस्ट्रेलिया के बीच पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच रविवार को यहां दूसरी बार बारिश के कारण बाधित होने के बाद...