ज्ञान और अनुभव का संगम योग शीर्षक पर अपना व्याख्यान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य मे प्राप्त निर्देश के क्रम में भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा ज्ञान और अनुभव का संगम योग शीर्षक पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार 18 जून को वेबिनार के द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में अयोध्या से जगतगुरु रामदिनेशाचार्य वर्चुअल रूप से ज्ञान और अनुभव का संगम योग शीर्षक पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया ।
18 जून को द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में अयोध्या से जगद्गुरू रामानन्दाचार्य स्वामी श्री रामदिनेशाचार्य जी महाराज ने बताया कि क्रिया के विहत्तम स्वरूप की परिणीति ही योग है उन्होंने अष्टांग योग के विराट स्वरूप का वर्णन किया सादरा सुपथुम पेरीस कथक नृत्य विशेषज्ञ, श्रीलंका, डॉ. आलोक तिवारी, योग शिक्षक, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या से योग पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत प्रस्तुत किया । 18 जून द्वितीय दिवस के द्वितीय सत्र में प्रो. टिम हॉफमेन, जापान, डॉ. पार्वती दत्ता, सुप्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना एवं निदेशक, महागामी गुरूकुल, छत्रपति सांभाजी नगर, डॉ. ओम नारायण अवस्थी योग विशेषज्ञ एवं आयुष चिकित्साधिकारी, डॉ. राम मनोहर लोहिया आर्युविज्ञान संस्थान, लखनऊ, डॉ. अजय मोहन श्रीवास्तव योग साधक, पूर्व प्राचार्य, साकेत महाविद्यालय, अयोध्या से योग पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ की कुलपति प्रो. मांडवी सिंह ने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार विशेष और महत्वपूर्ण है। भारतीय संस्कृति एवं कला को समर्पित विशेष प्रकृति के विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित योग के संदर्भ में संगीत कला आदि योगाचार्यों का चिंतन एक नये आयाम के साथ संभावनाओं को विकसित करेगा।
भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ की कुलसचिव की डॉ. सृष्टि धवन ने बताया इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वेबिनार से विश्वविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जोड़ा जाएगा जिससे अधिक से अधिक लोग विभिन्न विधाओं मे पारंगत महान व्यक्तित्वों का योग पर आधारित व्याख्यान को सुन सकें और उससे जीवन मे योग एवं आध्यात्म के सकारात्मक प्रभाव को आत्मसात कर सकें।