नक्सली हिंसा छोड़ बस्तर की विकास यात्रा का हिस्सा बनें, बस्तर पंडुम महोत्सव में बोले अमित शाह

दंतेवाड़ा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को नक्सलियों से हिंसा छोड़ने और बस्तर की विकास यात्रा का हिस्सा बनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जब कोई नक्सली मारा जाता है तो कोई भी खुश नहीं होता है। अमित शाह ने अगले वर्ष मार्च तक भारत से नक्सलवाद का सफाया होने का दावा करते हुए कहा कि अब नक्सली हथियारों के बल पर आदिवासियों के विकास को नहीं रोक सकते।

शाह ने दंतेवाड़ा शहर में राज्य सरकार द्वारा आयोजित बस्तर पंडुम महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अगले वर्ष यह कार्यक्रम राज्य में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश भर के आदिवासी भाग लेंगे। शाह ने कहा, वे दिन चले गए जब यहां (बस्तर में) गोलियां चलती थीं और बम फटते थे। मैं उन सभी नक्सली भाइयों से अनुरोध करता हूं, जिनके हाथ में हथियार हैं और जिनके पास नहीं भी हैं, वे हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हों। आप हमारे अपने लोग हैं। किसी नक्सली के मारे जाने पर कोई खुश नहीं होता।

उन्होंने कहा, इस क्षेत्र को विकास की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच वर्ष में बस्तर को वह सब कुछ देना चाहते हैं, जिसने 50 साल से विकास नहीं देखा। लेकिन यह कैसे हो सकता है? यह तभी हो सकता है जब बस्तर में शांति हो, बच्चे स्कूल जाएं, गांवों और तहसीलों में स्वास्थ्य सुविधाएं हों, हर किसी के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड और स्वास्थ्य बीमा हो। यह तभी हो सकता है जब बस्तर के लोग तय करें कि वे अपने घरों और गांवों को नक्सल मुक्त बनाएंगे।

शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने घोषणा की है कि जो गांव नक्सलियों के आत्मसमर्पण में मदद करेंगे और खुद को माओवादी मुक्त घोषित करेंगे, उन्हें एक करोड़ रुपये (निर्माण कार्यों के लिए) दिए जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री ने माओवादियों से हिंसा छोड़ने की अपील करते हुए कहा, कोई किसी को मारना नहीं चाहता। … बस अपने हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हो जाएं। भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार आपको पूरी सुरक्षा देगी। अब आप हथियार उठाकर अपने आदिवासी भाइयों और बहनों के विकास को नहीं रोक सकते। अपने हथियार छोड़ो और आत्मसमर्पण करो और विकास प्रक्रिया का हिस्सा बनो।

शाह ने कहा, आज हम नक्सलवाद के खिलाफ दोनों तरफ से आगे बढ़ रहे हैं। जो समझ गए हैं कि विकास के लिए हाथ में बंदूक की जरूरत नहीं है, कंप्यूटर की जरूरत है। विकास के लिए आईईडी, हथगोला नहीं चाहिए कलम चाहिए उन्होंने सरेंडर कर दिये हैं। उन्होंने कहा, 2025 में चौथे माह की शुरुआत तक 521 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इससे पहले 881 नक्सली 2024 में आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

जो आत्मसमर्पण करेंगे वह यहां मुख्यधारा में आएंगे और जो हथियार लेकर रहेंगे उनके खिलाफ सुरक्षाकर्मी मोर्चा संभालेंगे। जो भी होगा मार्च तक पूरे देश को इस लाल आतंक से मुक्त करने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार करेगी। शाह ने कहा कि अगले वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर बस्तर पंडुम का आयोजन किया जाएगा और वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अनुरोध करेंगे कि वे इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में शामिल हों तथा आदिवासी भाइयों और बहनों को आशीर्वाद दें।

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